प्रशांत शुक्ला/ सिवनी: मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के कुछ मजदूरों को महाराष्ट्र में बंधक बनाकर मजदूरी कराने का मामला सामने आया है. दरअसल, छपारा थाना अंतर्गत कुछ लोग मजदूरी करने महाराष्ट्र के सतारा गए हुए थे. लेकिन उन्हें बंधक बनाकर काम लिया जा रहा था. सिवनी के छपारा थाना क्षेत्र के रायगढ़ के रहने संदेश पन्द्ररा ने छपारा थाना में शिकायत की थी. इसमें बताया कि उसके माता-पिता व बहन सहित ग्राम कमकासुर के 10 लोगों को मजदूरी के लिए महाराष्ट्र के सतारा ले गए थे.


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3 महीने से बनाया गया था बंधक
सिवनी के छपारा थाना क्षेत्र के रायगढ़ के रहने संदेश पन्द्ररा ने छपारा थाना में शिकायत की थी कि उनके परिवार के लोग सहित गांव के 10 लोग जिसमें महिलाएं और युवती शामिल हैं. महाराष्ट्र के सातारा जिला में 3 महीने से बंधक बना लिया गया है. और इन्हें घर वापस नहीं आने दिया जा रहा है. उनके पैसे भी नहीं दे रहे हैं. वे परेशान हैं. इस पर एसपी ने पुलिस टीम तैयार कर महाराष्ट्र भेजी. शिकायत मिलने के बाद सिवनी पुलिस अधीक्षक के निर्देशों पर थाना प्रभारी सौरभ पटेल के द्वारा एक टीम का गठन कर महाराष्ट्र की सतारा जिले को रवाना किया गया.


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मजदूरों को किया जा रहा था प्रताड़ित
छपारा पुलिस की टीम द्वारा तीन महीने से बंधक बनाए गए मजदूरों को मुक्त करा कर ले आया गया है. बताया जा रहा है कि इनमें अधिकांश मजदूर आदिवासी हैं. जिन्हें एक ठेकेदार के द्वारा मनसर काम में ले जाने को बोलकर उन्हें महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गांव लोवडी ले जाकर छोड़ दिया गया. जहां इन मजदूरों से सुबह 4:00 बजे से रात 12:00 तक प्रताड़ित कर काम कराया जा रहा था. फिलहाल अब सभी मजदूरों को पुलिस ने मुक्त कर दिया है.


बंधक बनाएं गए मजदूरों के नाम
पुलिस के मुताबिक दुखमान पिता फततु सिंह, पप्पू पिता हीरामन यादव, ओम प्रकाश पिता सीजकुमार, सुकरती बाई पति सुमेरा, सुक्को बाई पति अकबर कुमरे, रामकुमार पिता झनक सिंह, कल्लो बाई पति अनीस कुमरे, ग्यारसीवती पति पप्पू यादव, छाया पिता दुखमान और गंगा दुलारी पिता दुखमान को महाराष्ट्र में बंधक बनाया गया था. जिसे पुलिस ने मुक्त कराकर थाना छपारा आए.