रायपुर: बस्तर के नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिलों में सुरक्षा बलों और स्थानीय आदिवासी समुदाय के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब सिलगेर गोलीकांड (silger firing case) मामले की जांच की जाएगी. भूपेश सरकार ने बस्तर सांसद दीपक बैज की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय जांच समिति बनाई है.


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बता दें कि जनप्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन की टीम सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा में स्थित ग्राम सिलगेर की घटना के संबंध में स्थानीय ग्रामीणों से उनका पक्ष सुनेगी और चर्चा कर तथ्य जुटाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर यह पहल की जा रही है.


ये हैं जांच समिति के सदस्य
बस्तर सांसद दीपक बैज की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों की जांच समिति, बस्तर विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, केशकाल विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संतराम नेताम, दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा, कांकेर विधायक एवं संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग, बीजापुर विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, नारायणपुर विधायक और छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप शामिल है. इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि भी इस टीम में शामिल रहेंगे.


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क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि 16 मई को 3 हजार के लगभग ग्रामीण सिलगेर में स्थापित हो रहे सुरक्षाबलों के कैंप का विरोध करने पहुंचे थे, और 17 मई को सिलगेर पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने हमला किया था. इस दौरान फायरिंग में 3 लोगों की मौत हो गई थी. ग्रामीणों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. ग्रामीणों के मुताबिक पुलिस की फायरिंग में 3 ग्रामीणों की मौत हुई थी. इस गोलीबारी में 15-20 ग्रामीण घायल हुए थे, जबकि 4 लोगों की हालत नाजुक थी. अब इसे लेकर विवाद जारी है. इसी को लेकर जांच टीम बनाई गई है.


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