शैलेन्द्र सिंह/ग्वालियर: कहते है कि इंसान में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उम्र कभी उसके आड़े नहीं आ सकती. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, ग्वालियर के 62 साल के रिटायर्ड आरटीओ सूर्यकांत त्रिपाठी ने. उन्होंने 62 साल की उम्र में न केवल लॉ की पढ़ाई की बल्कि गोल्ड मेडल भी हासिल किया है. सूर्यकांत त्रिपाठी को गोल्ड मेडल मिलने से उनके परिवार वाले बेहद खुश नजर आ रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मर गई मानवता! चोरी के शक में शख्स को बेरहमी से पीटा, गाड़ी के पीछे बांधकर घसीटा, तड़प-तड़प कर गई जान


बता दें कि उन्होंने 2018-19 में एलएलबी में यूनिवर्सिटी टॉप की है. जीवाजी यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह शनिवार को हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने की.


बच्चे सेट हुए तब लॉ की पढ़ाई शुरू की
गोल्ड मेडलिस्ट सूर्यकांत त्रिपाठी का कहना हैं कि उन्होंने साल 1980 में एमएससी किया. उसके बाद उनकी नौकरी लग गई. उनकी लॉ में हमेशा से ही रुचि थी, साल 2016 में उन्होंने वीआरएस लिया. क्योंकि उनके बच्चे तब तक सेटल हो चुके थे और उसके बाद लॉ की पढ़ाई शुरू कर दी.


8 से 10 घंटे पढ़ाई
त्रिपाठी जी का कहना हैं कि क्योंकि वह घर में थे इसलिए 8 से 10 घंटे लगातार पढ़ते रहते थे. उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था कि उन्हें गोल्ड मेडल मिलेगा. इसके साथ ही उनका कहना है कि आगे वो गरीब लोगों के लिए वकालत करेंगे. जिन लोगों के पास वकीलों की मोटी फीस देने के लिए पैसे नहीं है, ऐसे लोगों की केस में खुद लड़ा करेंगे. उनका कहना है कि उनकी सफलता में उनकी पत्नी का भी बहुत योगदान है. 


पत्नी ने हर कदम पर दिया साथ
सूर्यकांत त्रिपाठी के परिवार में पत्नी विजया, दो बेटे मनीष और अजय हैं. बता दें कि उनकी पत्नी बिल्कुल भी पढ़ी नहीं हैं, लेकिन पढ़ाई में हमेशा सूर्यकांत को बढ़ावा दिया. सूर्यकांत के दोनों बेटे इंजीनियर हैं.


पैरालिंपिक्स में एमपी की बेटी से देश की उम्मीद, इस खेल की पहली भारतीय महिला खिलाड़ी!


वह आरटीओ में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी बने 
सूर्यकांत मूलरूप (62) से ग्वालियर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने सन् 1980 में एमएससी किया था. कुछ वर्षों बाद ही उन्होंने लोक सेवक बनने की परीक्षा दी और उनका चयन भी हो गया. वह आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) बने. लेकिन वर्ष 2016 में उन्हें लगा कि उन्होंने पूरी जिंदगी काम में ही लगा दी है, जबकि वह बचपन से ही पढ़ाई करना चाहते थे.  फिर 2016 में सतना से आरटीओ से रिटायर हुआ और एलएलबी में एडमिशन ले लिया.


WATCH LIVE TV