परीक्षा पास करने के 2 साल बाद भी नहीं मिली नौकरी, मजदूरी करने को विवश शिक्षक अभ्यर्थी
प्रदेश भर में युवकों को शिक्षक बनने के प्रमाण पत्र तो मिले लेकिन उन्हें अभी तक नियुक्तियां नहीं दी गई हैं.
मुरैना: शिवराज सरकार 2018 में शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने वाले नौजवानों को 2 साल से ज्यादा का समय गुजरने के बाद भी रोजगार नहीं दे पाई है. प्रदेश भर में युवकों को शिक्षक बनने के प्रमाण पत्र तो मिले लेकिन उन्हें अभी तक नियुक्तियां नहीं दी गई हैं. जिसके चलते शिक्षक की पात्रता पाने वाले नौजवान अभी तक बेरोजगारी की जिंदगी जी रहे हैं और अपना भरण-पोषण करने के लिए मजदूरी करने पर मजबूर हैं.
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दरअसल मध्य प्रदेश सरकार ने 2018 में शिक्षक भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया था. इस परीक्षा में प्रदेश भर में उत्तीर्ण करीब 30 हजार नौजवानों को शिक्षक बनने के प्रमाण पत्र तो दे दिए गए हैं लेकिन उन्हें अभी तक सरकार ने नियुक्तियां नहीं दिए हैं. इतने लंबे समय बाद नौकरी नहीं मिलने के कारण प्रदेश के हजारों नौजवान गरीबी का दंश झेल रहे हैं.
दूध डेरी पर काम कर रहे
ऐसे ही एक नौजवान मुरैना जिले के कमल सिंह चयनित शिक्षक है, जो शिक्षक की तरह मान सम्मान की नौकरी करना चाहते थे. लेकिन मजबूरी के चलते दूध की डेरी पर काम कर रहे है.
परिवार के लिए मजदूरी कर रहे
यह हाल अकेले कमल सिंह अकेले का नहीं है, ऐसा ही बेहाल जीवन गुजार रहे लकी दंडोतिया जिन्होंने शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने के बाद लगातार दो वर्षों तक सरकार के सामने अपना अधिकार पाने के लिए कई आंदोलन किए, लेकिन बाद में हार थक कर अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए मजदूरी करने का रास्ता अपना लिया.
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कब मिलेगी शिक्षकों को भर्ती
भारत सरकार भले ही प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत नौकरी देने की बात कर रही हो, लेकिन मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार शिक्षकों के लिए परीक्षा आयोजित कर उन्हें पात्रता देने के बाद भी नौकरी देने को तैयार नहीं है. यह कहीं ना कहीं उन हजारों बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा है, जो यह सोचकर परीक्षा में शामिल हुए थे, कि बाद में उन्हें अच्छी नौकरी मिलेगी और उनका भविष्य संवरेगा. अब देखना होगा, कि इन चयनित शिक्षकों को इनका अधिकार कब तक मिल पाता है.
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