भोपालः  मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों की तारीखों का अब तक ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन बीजेपी ने निकाय चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (vd sharma) ने निकाय चुनावों को लेकर 54 जिलों के नगरीय निकाय जिला चुनाव प्रभारी और प्रदेश के 16 नगर निगम के चुनाव प्रभारियों के नामों की घोषणा कर दी है. इन प्रभारियों में विधायकों और सांसदों को भी निकाय चुनाव की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. 


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इन नेताओं को बनाया गया भोपाल और इंदौर का प्रभारी  
वीडी शर्मा ने प्रदेश के सबसे बड़े नगर निगम इंदौर का चुनाव प्रभारी इंदौर के सांसद शंकर लालवानी को बनाया है. तो राजधानी भोपाल के नगर-निगम की जिम्मेदारी कृष्णमोहन सोनी को सौंपी गई है. इसके अलावा ग्वालियर नगर-निगम का प्रभारी बृजेंद्र सिंह जादौन को बनाया गया है. तो जबलपुर नगर-निगम का चुनाव प्रभारी विधायक अशोक रोहाणी को बनाया गया है. 



दरअसल, बीजेपी ने इस बार नगरीय निकाय चुनाव के लिए ''मिशन त्रिशूल'' बनाया है. जिसके तहत सत्ता, संगठन और जनप्रतिनिधि तीनों मिलकर निकाय चुनाव में काम करेंगे. ऐसे में पार्टी ने निकाय चुनाव की तारीखों से पहले ही सभी जिलों और नगर निगम के प्रभारियों की घोषणा कर दी है. खास बात यह है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा खुद अब जिलेवार निकाय चुनाव की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. 



BJP त्रिशूल के जरिए 50 फीसदी से ज्यादा वोट बटोरने की तैयारी में
नगरीय निकाय में चुनाव में बीजेपी अपना दबदबा बनाए रखने के लिए मिशन त्रिशूल को ही सबसे बड़ा हथियार बनाने जा रही है. बीजेपी ने प्लान बनाया है कि मिशन त्रिशूल के जरिये नगरीय निकाय चुनाव में 50 फीसदी से भी ज्यादा वोट बटोरे जाएं. दरअसल, बीजेपी इस मिशन के जरिए हम सत्ता और संगठन में समनव्यय बनाएंगे, जबकि जनप्रतिनिधि बिखरे हुए वोटरों को संभालेंगे. सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का काम संगठन द्वारा किया जाएगा. जबकि जनप्रतिनिधि हर मोर्चे पर मजबूती से खड़े रहेंगे.


पिछले निकाय चुनाव में बीजेपी को मिली थी बड़ी जीत 
दरअसल, पिछले नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी. बीजेपी ने प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों में कब्जा जमाया था. ऐसे में इस बार भी बीजेपी अपना पिछला प्रदर्शन दोहराना चाहती है. यही वजह है कि पार्टी लगातार निकाय चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं में समनव्यय बनाए रखना चाहती है. इसलिए अभी से सभी नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी जानी शुरू हो गई है. 


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