27 साल के इस लड़के ने भारत को दिया 7000 करोड़ का सबसे बड़ा दान, एक हफ्ते में बना अरबपति!
बुतेरिन, यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे थे लेकिन बाद में पढ़ाई छोड़ दी.
नई दिल्लीः कोरोना महामारी के इस संकट में कई देश भारत की मदद कर रहे हैं. इस बीच 27 साल के एक लड़के ने भारत को सबसे बड़ा दान दिया है. बता दें कि इस युवक ने भारत को एक बिलियन डॉलर से ज्यादा यानी कि करीब 7000 करोड़ रुपए दान किए हैं. तो आइए जानते हैं कि कौन है ये लड़का, जो इतनी छोटी सी उम्र में अरबपति बन गया है.
कौन है वितालिक बुतेरिन
27 साल का वितालिक बुतेरिन क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म इथेरियम के फाउंडर हैं. वितालिक ने कोविड रिलीफ फंड में यह दान दिया है. कोविड रिलीफ में मिले इस दान को अब तक का सबसे बड़ा दान माना जा रहा है. सेलिब्रिटी नेटवर्थ वेबसाइट के हवाले से बुतेरिन की कुल संपत्ति 21 बिलियन डॉलर है. बुतेरिन ने जो दान दिया है वो क्रिप्टोकरेंसी में है. इनमें 500 इथेर सिक्के और 50 ट्रिलियन से ज्यादा शिबा इनु सिक्के शामिल हैं.
रूस में जन्म और अब कनाडा में रह रहे बुतेरिन ने अपने पिता से बिटकॉइन के बारे में जाना. बुतेरिन के पिता एक सॉफ्ट फर्म के मालिक हैं. बुतेरिन ने 17 साल की उम्र में ही बिटकॉइन मैगजीन की शुरुआत कर दी थी. वह यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे थे लेकिन बाद में पढ़ाई छोड़ दी. बुतेरिन को Thiel Fellowship में 1 लाख डॉलर भी मिले थे.
क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिलता है. यही वजह है कि बुतेरिन की संपत्ति में बीते एक सप्ताह में ही एक अरब डॉलर से बढ़कर 21 अरब डॉलर हो गई है.
दान की रकम ऐसे मिलेगी भारत को
क्रिप्टो स्टार्टअप पोलिगोन के फाउंडर संदीप नेनवाल ने ट्वीट कर बुतेरिन को उनकी मदद के लिए धन्यवाद कहा है. नेनवाल ने बताया कि दान की हुई क्रिप्टोकरेंसी पहले यूएई स्थित ईकाई - क्रिप्टो रिलीफ इंडिया को मिलेगी. यह ईकाई इस दान को इंटरनेशनल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज से बदलकर उस फंड को बैंक में जमा कराएगी. जहां से फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूटर रेगुलेशन एक्ट से अप्रूव एनजीओ के जरिए वह पैसा भारत आएगा.