नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 'पीएम किसान सम्मान निधि' के बजट में कटौती कर दी है. पहले ऐसा माना जा रहा था कि केंद्र सरकार 'पीएम किसान सम्मान निधि' की राशि में बढ़ोतरी कर सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसकी वजह से सरकार पर कई तरह के सवाल उठने लगे थे. इसको लेकर विपक्ष ने भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाया था. विपक्ष के इन्हीं सवालों का जवाब कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने आज राज्यसभा में दिया. 


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विपक्ष के सवाल पर कृषि मंत्री ने दिया यह जवाब
विपक्ष के नेता आनंद शर्मा के सवाल पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा,''जब योजना की शुरुआत की गई थी, तो एक अनुमान लगाया गया था कि देश में साढ़े 14 करोड़ किसान होंगे. इस लिहाज से केंद्र सरकार की तरफ साढ़े 75 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था. लगातार कोशिश करने के बावजूद भी अभी तक 10 करोड़ 75 लाख किसान ही इस स्कीम के लिए रजिस्टर्ड हो पाए हैं, इसलिए राशि में कटौती की गई है.''


इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा,''केंद्र सरकार की तमाम कोशिश के बावजूद भी पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों के किसान इस योजना के लिए रजिस्टर्ड नहीं हो पाए हैं. इसलिए वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में 10 हजार करोड़ रुपए की कटौती की गई है. अगर बाद में किसानों की संख्या बढ़ती है, तो इसके लिए अलग से राशि आवंटित की जाएगी.''


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 'पीएम किसान सम्मान निधि' योजना?
 'पीएम किसान सम्मान निधि' स्कीम की शुरूआत किसानों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए 2019 में की गई थी. इस स्कीम के तहत किसानों को एक वर्ष में 6000 रुपए दिए जाते हैं. हालांकि यह राशि किसानों के खाते में 2000-2000 रुपए की किश्त के तौर पर की जाती है. अब तक स्कीम के तहत 7वीं किश्त भेजी जा चुकी है. 


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