भोपाल: मध्‍य प्रदेश में NCERT की बाहरवीं की किताब में बीजेपी को हिन्दुत्व एजेंडे की पार्टी बताया गया है. इस किताब में गोधरा कांड के बाद गुजरात दंगों पर लिखा गया है कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए धार्मिक भावनाएं भड़काना खतरनाक हो सकता है. इससे हमारी लोकतांत्रिक राजनीति को खतरा पैदा हो सकता है. 12वीं की 'स्वतंत्र भारत में राजनीति' नाम की इस किताब और भी कई बातों का उल्लेख किया गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजनीति शास्त्र की इस किताब में जिक्र किया गया है कि 1986 के बाद बीजेपी ने हिन्दुत्व पर जोर दिया. इसके पीछे दो घटनाएं रहीं. पहली शाहबानो प्रकरण और दूसरा अयोध्या विवाद. इसी के साथ लिखा गया है कि बीजेपी ने पहले गांधीवादी समाजवाद को अपनी विचारधारा बनाया था. लेकिन 1980 मे जनसंघ से बीजेपी बनने के बाद जब 1980 और 1984 के चुनावों में सफलता नहीं मिली तो भाजपा ने हिन्दुत्व की राजनीति का रास्ता चुना. हिन्दुत्व को लामबंद करने की रणऩीति अपनाई. 


CM शिवराज बोले, 'मध्‍य प्रदेश में जो अब तक नहीं हुआ, वो करके दिखाएंगे'


इतना ही नहीं इस किताब के अनुसार गोधरा हिंसा के समय तत्कालीन पीएम अटल बिहारी बाजपेयी ने गुजरात सरकार को राजधर्म निभाने की भी सीख दी. इसके बाद मानवाधिकार आयोग ने गुजरात सरकार की आलोचना भी की थी. किताब में लिखा है कि अधिकतर दल भाजपा की हिंदुत्व विचारधारा से सहमत नहीं हैं. भाजपा ने अयोध्या विवाद को चुनावी मुद्दा बनाया.


भाजपा के अलावा किताब में कांग्रेस का जिक्र कुछ इस तरह किया है कि देश में लंबे समय तक कांग्रेस के प्रभुत्व का दौर रहा है. गुटबाजी कांग्रेस की कमजोरी नहीं ताकत बनी. कांग्रेस आज़ादी के बाद हर चुनाव में आगे रही और राजनीति के एक कालखंड को कांग्रेस प्रणाली कहा जाता है. 


मप्र: भाजपा नेता ने की गुंडागर्दी, महिला पुलिस अधिकारी की फाड़ी वर्दी


NCERT की किताब में मोदी पर सवाल उठने पर बीजेपी प्रवक्ता यशपाल सिंह सिसोदिया ने सफाई देते हुए कहा है कि मोदी ने राजधर्म का पालन किया इसलिए शांति बहाल हुई. गोधरा कांड के बाद हिंसा सख्ती से रोकी गयी थी. वहीं स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी ने कहा है कि इस तरह का इतिहास बच्चों को पढ़ाना गलत है. इन तथ्यों को बदलने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे. ये पूर्व सरकार की गलतियां हैं. शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी ने कहा कि बीजेपी को हिंदुत्व पार्टी बताना गलत है. इस किताब को एमपी बोर्ड में शामिल नहीं करेंगे.