भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायकों को सभ्यता का पाठ पढ़ाया जाएगा. सदन के अंदर बहस के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक होना आम बात है. लेकिन कई बार विधायक आवेश में शब्दों की मर्यादा भूल जाते हैं. असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल कर दिया जाता है. ऐसे शब्दों को सदन की कार्यवाही से एक्सपंज करना पड़ता है. अब विधानसभा सचिवालय अमर्यादित शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की तैयारी में है.


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इसके लिए विधानसभा सचिवालय ऐसे शब्दों की सूची बनाने जा रहा है जो सदन में नहीं बोले जा सकते. देश की संसद में जिन शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है उसी तरह मध्य प्रदेश विधानसभा में भी असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी. इसके लिए एक डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा और विधायकों को बताया जाएगा कि सदन की कार्यवाही के दौरान माननीय कौन से शब्दों का इस्तेमाल ना करें.


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मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर गिरीश गौतम का कहना है कि हिंदी, अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं समेत प्रदेश की स्थानीय बोलचाल की भाषा में जिन अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें असंसदीय मानकर सदन की कार्यवाही में इस्तेमाल पर रोक रहेगी. इसके लिए विधानसभा सचिवालय पूरी जानकारी जुटाकर विधायकों को सूची मुहैया कराएगा. जल्द ही  विधायकों का प्रशिक्षण वर्ग होगा, जिसमें सदन के सीनियर नेता उन्हें संसदीय मर्यादाओं का पाठ पढ़ाएंगे. पप्पू, मंदबुद्धि और झूठा जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी विधानसभा के अंदर नहीं हो सकेगा.


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