प्रमोद शर्मा/भोपाल: देशभर में टोल टैक्स पर फास्टैग की व्यवस्था लागू होने के बाद अब माननीयों के लिए भी नई व्यवस्था बनाई जा रही है. जिसके मुताबिक माननीयों के साथ-साथ उनके परिवार की गाड़ी का फास्टैग का खर्चा भी सरकार उठाएगी.


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मध्य प्रदेश में विधायकों और विधायक के परिवार की एक गाड़ी के फास्टैग का खर्च सरकार उठाए इसके लिए कवायद शुरु हो चुकी है. इसे लेकर विधानसभा सचिवालय में सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है.


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नई व्यवस्था के लिए अलग-अलग विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.मिली जानकारी के मुताबिक विधायकों के दो वाहन और पूर्व विधायकों के एक वाहन का खर्च सरकार वहन करे इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है. हालांकि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. लेकिन माना जा रहा है कि ये व्यवस्था जल्द ही लागू की जा सकती है.


अगर बात की जाए विधायकों और अफसरों की गाड़ियों की तो प्रदेश में इनके द्वारा करीब 25,000 गाड़ियां इस्तेमाल की जाती हैं. जिन्हें टोल पर छूट दी जाती थी. लेकिन फास्टैग लागू होने के बाद से इनके टोल को चुकाने के लिए सरकार से उम्मीद की जा रही है. बता दें कि मध्य प्रदेश में सड़क परिवहन विकास के 75 राष्ट्रीय राजमार्ग के कुल 48 टोल हैं.


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क्या है फास्टैग?
फास्‍टैग टोल प्लाजा पर टोल काटने का एक तरीका है. जिसके जरिये टोल प्‍लाजा पर टोल टैक्‍स का भुगतान कैशलेस किया जा सकता है. यह एक प्रकार का टैग या चिप होता है, जिसे कार की विंडस्‍क्रीन पर चिपकाया जाता है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन का इस्तेमाल कर टोल टैक्स का भुगतान किा


क्या है फास्टैग व्यवस्था?
फास्टैग व्यवस्था को 15 फरवरी 2021 से देशभर के टोल पर टैक्स का भुगतान करने के लिए लागू कर दिया गया है. जिन वाहनों पर फास्टैग नहीं है उससे दोगुना टैक्स वसूला जाएगा. वैसे तोभारत सरकार ने इसे 1 जनवरी को ही लागू कर दिया था, लेकिन पूरी तरह से इसे 15 फरवरी से लागू किया गया. 


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