भोपाल/प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के जिला अस्पताल से शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. यहां अस्पताल में एक महिला स्ट्रेचर ना मिलने की वजह से बीमार पति को कंधे पर बैठाकर इलाज कराने पहुंची. महिला का आरोप है कि उसने अस्पताल के कर्मचारियों से मदद भी मांगी, लेकिन कोई भी परेशान महिला की मदद के लिए सामने नहीं आया.  


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सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर साल करोड़ों रुपए का बजट आवंटित करती है ताकि मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए फ्री एंबुलेंस की भी व्यवस्था हो सके.


कोई तीमारदार भी मदद के लिए नहीं आया आगे
शहर में किराए के मकान में रहने वाली शोभा मूल रूप से अमेठी जिले की निवासी है. उसका आरोप है कि बीते शुक्रवार बीमार पति को अस्पताल में इलाज के लिए लेकर आई थी. इस दौरान वह कर्मचारियों को मदद के लिए ढूंढती रही, लेकिन किसी ने मदद का हाथ नहीं बढ़ाया. खास बात यह है कि इलाज कराने के लिए पहुंचे किसी भी तीमारदार भी बस देखते रहे लेकिन किसी ने भी महिला की मदद नहीं की.  


मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताई यह वजह
CMO पी.पी. पाण्डेय से जब जवाब मांगा गया तो उन्होंने बताया कि किसी भी अस्पताल में 6-8 स्ट्रेचर होते हैं और मरीजों की संख्या 500 से ज्यादा. लिहाजा लोगों को स्ट्रेचर का इंतजार करना पड़ता है. महिला बिना इंतजार किए ही पति को कंधे पर उठा कर ले आई होगी. जब पूछा गया कि कोई और उसकी मदद करने क्यों नहीं आया तो मेडिकल ऑफिसर ने कहा कि मदद मांगने पर जरूर मिलती. अस्पताल की इमरजेंसी में 2 वॉर्ड बॉय, 1 फार्मेसिस्ट और 1 स्वीपर होता है और काम बहुत ज्यादा होता है. अगर उनसे मदद मांगी गई होती तो मिलती जरूर. वह भी अपने ऑफिस में ही बैठते हैं.


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