Property Rights in India: हाउसवाइफ अपने पति की संपत्ति के आधे हिस्से की हकदार है. यह फैसला सुनाया है मद्रास हाईकोर्ट ने. जस्टिस कृष्णन रामास्वामी की सिंगल बेंच कहा कि एक हाउसवाइफ बिना किसी छुट्टी के 24 घंटे घर चलाने का काम करती है. जज ने कहा कि घर की देखभाल करने वाली महिला परिवार के सदस्यों को बुनियादी मेडिकल सहायता देकर घरेलू डॉक्टर का काम भी करती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने आगे कहा कि एक महिला अपने पति की कमाई से खरीदी गई संपत्तियों में बराबर हिस्सेदारी की हकदार होगी. अदालत ने कहा कि पति परिवार की देखभाल के लिए अपनी पत्नी के सहयोग के बिना पैसा नहीं कमा पाता. अदालत ने कहा, संपत्ति पति या पत्नी के नाम पर खरीदी गई हो सकती है, फिर भी इसे पति और पत्नी दोनों की कोशिशों से बचाए गए पैसे से खरीदी गई माना जाना चाहिए.


क्या कहा हाईकोर्ट ने


अपने पति और बच्चों की देखभाल के लिए खुद को समर्पित करने के बाद एक महिला को अपना कहने के लिए किसी भी चीज के बिना नहीं छोड़ा जा सकता है.


अदालत ने कहा कि भले ही हाउसवाइफ के योगदान को मान्यता देने के लिए अब तक कोई कानून नहीं बनाया गया है, अदालतें योगदान को अच्छी तरह से पहचान सकती हैं, और यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि जब महिलाओं को उनके बलिदान को नवाजे जाने की बात आती है तो उन्हें सही इंसाफ मिले.


अदालत ने कन्नियन की 2016 में अपनी अलग रह रही पत्नी के खिलाफ दूसरी अपील का निपटारा करते हुए यह टिप्पणी की, जिससे उसने 1965 में शादी की थी. कपल के दो बेटे और एक बेटी थी. उस शख्स ने 1983 से 1994 के बीच सऊदी अरब में नौकरी की.


शख्स ने दर्ज कराई थी शिकायत


भारत पहुंचने के बाद उसने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी पत्नी उसकी कमाई से खरीदी गई संपत्तियों पर कब्जा कर रही है, और यह भी आरोप लगाया कि महिला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर है. महिला के निधन के बाद उनके बच्चों ने अपनी मां कंसाला अम्माल के खिलाफ मुकदमा लड़ा. बुजुर्ग महिला ने अपने पति की संपत्ति में हिस्सा मांगा था.


2015 में एक स्थानीय अदालत ने अम्माल की पांच संपत्तियों और परिसंपत्तियों में से तीन में बराबर हिस्सेदारी के दावे को खारिज कर दिया था. हालांकि, मद्रास हाईकोर्ट की सिंगल बेंच  के जज ने माना कि भले ही विवादित संपत्ति उनके पति ने अपनी बचत से हासिल की थी, लेकिन अम्माल 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की हकदार थी.


(इनपुट-IANS)