चेन्नई: हाईवे पर ओवर स्पीडिंग (Over Speeding) की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने चिंता जताई है और बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार की हाईवे पर टॉप स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटे करने की अधिसूचना को रद्द कर दिया है और अधिकतम स्पीड को घटाकर 80 किलोमीटर प्रति घंटा करने का आदेश दिया है.


सड़क हादसों की वजह ओवर स्पीडिंग: हाई कोर्ट


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सुनवाई के दौरान जस्टिस एन किरुबाकरन और जस्टिस टीवी थमिलसेल्‍वी की बेंच ने अधिकांश सड़क हादसों की वजह ओवरस्‍पीडिंग को बताया. उन्‍होंने केंद्र सरकार की उस दलील को भी मानने से इंकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि स्‍पीड लिमिट बेहतर सड़कों और गाड़‍ियों की उन्‍नत तकनीक को ध्‍यान में रखते हुए एक्‍सपर्ट कमिटी की राय के बाद तय की गई है.


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'कानून तोड़ने पर दी जानी चाहिए सख्त सजा'


मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने कहा ने कहा कि अधिकारियों को स्‍पीड गन, स्‍पीड इंडिकेशन डिस्‍पले और ड्रोन की मदद से ओवर स्‍पीड‍िंग की पहचान करनी चाहिए और तेज गाड़ी चलाने वालों को सजा देने की व्‍यवस्‍था करनी चाहिए.' मद्रास हाई कोर्ट ने आगे कहा, 'सड़क यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को कानून के अनुसार सख्त सजा दी जानी चाहिए. हाई स्पीड इंजन वाली गाड़ियों को इस तरह से सेट किया जाना चाहिए कि गति सीमा से अधिक न हो.'


केंद्र सरकार ने बढ़ा दी थी टॉप स्पीड


बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से टॉप स्पीड को लेकर एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें बताया गया था कि एक्‍सप्रेस वे पर गाड़ी की टॉप स्‍पीड 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से बढ़ाकर 120 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दिया गया है.