गांधीनगर: गुजरात (Gujarat) के कच्छ (Kutch) में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 मैग्निट्यूड मापी गई है. सरकारी केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक इस भूकंप (Earthquake) का केंद्र धोलावीरा के पास था. बताया जा रहा है कि भूकंप के झटकों के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए.


जान-माल का नुकसान नहीं


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इससे पहले गुजरात के जामनगर में धरती उस वक्त डोली जब गुरुवार शाम को वहां भूकंप के झटके महसूस हुए. तब रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई थी. 15 दिन पहले भी कच्छ में इसी तरह भूकंप आया था. तो 4 अगस्त को रापर के पास 4.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था.


खतरनाक जोन में है कच्छ


गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (GSDMA) के अनुसार, कच्छ जिला बेहद उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है. आपको बता दें कि जनवरी 2001 में जिले में 6.9 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था. उसकी यादें आज भी पूरे गुजरात को रुला देती हैं.


इसी तरह गुरुवार की सुबह मेरठ और कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. वहीं 5 अगस्त की बात करें तो राजस्थान में भूकंप के झटके महसूस किये गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 रही. भूकंप का केंद्र जमीन से 5 किमी नीचे सीकर जिले में रहा. रात 8 बजकर 14 मिनट पर 


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6 की तीव्रता वाला भूकंप होता है खतरनाक 


भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है. इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है. इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है.


ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा


भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है. धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं. भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है.


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