मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) की कंपनियों पर इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने छापेमारी की. खुद अजित पवार ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि उनसे जुड़ी कंपनियों पर इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी से उन्हें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन वह इस बात से दुखी हैं कि उनकी बहनों को भी इसमें घसीटा गया. 


तीन बहनों से जुड़ी कंपनियों पर भी छापे


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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) के पास वित्त मंत्रालय भी है. कंपनियों पर इनकम टैक्स की छापेमारी के बाद अजित पवार ने कहा, 'चूंकि मैं वित्त मंत्री हूं, इसलिए मैं टैक्स से जुड़े सारे नियम जानता हूं. मुझसे जुड़ी सभी कंपनियों ने टैक्स का समय से भुगतान किया है.' उन्होंने कहा कि उनकी तीन बहनों से जुड़ी कंपनियों पर भी छापे मारे गए. उनकी एक बहन कोल्हापुर में और दो बहनें पुणे में रहती हैं. 


छापे के पीछे राजनीतिक मकसद?


पवार ने कहा, ‘मैं दुखी हूं क्योंकि मेरी बहनों, जिनकी 35 से 40 साल पहले शादी हुई थी, के यहां छापे मारे गए. अगर अजित पवार के रिश्तेदारों के रूप में उनके यहां छापे मारे गए तो लोगों को इसके बारे में सोचना चाहिए, जिस तरह से एजेंसियां का दुरुपयोग ​​​​हो रहा है.’ उन्होंने कहा कि 2019 के विधान सभा चुनावों से पहले, उनकी पार्टी के प्रमुख शरद पवार का नाम एक बैंक मामले में घसीटा गया था. गुरुवार की छापेमारी पर कहा, ‘इनकम टैक्स विभाग यह बताने के लिए बेहतर स्थिति में है कि छापेमारी के पीछे क्या कोई राजनीतिक मकसद था या उन्हें कुछ और मिला.’


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इन कंपनियों पर पड़े छापे


आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग ने गुरुवार को कथित टैक्स चोरी के आरोप में अजित पवार के परिवार के सदस्यों और रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े कुछ कारोबारियों के यहां छापे मारे. सूत्रों ने बताया कि मुंबई, सातारा और महाराष्ट्र के कुछ और शहरों व गोवा में छापेमारी की जा रही है. सूत्रों ने कहा कि डीबी रियल्टी, शिवालिक, जरांदेश्वर सहकारी चीनी कारखाना जैसे कारोबारी समूहों और अजित पवार की बहनों से जुड़े व्यवसायों के परिसरों में छापे मारे गए हैं.


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