महाराष्ट्र में पिछले कुछ घंटों से कई तरह की बातें हो रही हैं. कांग्रेस और उद्धव की शिवसेना के बीच खटपट की अटकलें लगाई जा रही हैं, दूसरी तरफ भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह और संजय राउत के बीच बातचीत की भी चर्चा है. दिलचस्प यह है कि राजनीति में ऐसे समय में कोई भी स्थिति साफ नहीं करता इसलिए चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं. बिहार हो या महाराष्ट्र, लोगों ने पहले भी ऐसा होता देखा है. खैर, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा है कि महा विकास आघाडी (MVA) महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 210 पर आम सहमति पर पहुंच गया है जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया कि उनकी पार्टी के लिए 96 सीट पर चर्चा पूरी हो गई है. दोनों ने दावा किया है कि भाजपा चुनाव से पहले गलत सूचना फैला रही है.


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कांग्रेस और उद्धव सेना में मतभेद!


महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होगा. नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की NCP शामिल हैं. कुछ दिनों से महाराष्ट्र में कांग्रेस गठबंधन के नेताओं के बयान शक पैदा कर रहे थे, फिर मतभेद की बातें होने लगीं. हालांकि सोमवार को दिल्ली में नाना पटोले ने कहा कि एमवीए में कोई मतभेद नहीं है और सीट बंटवारे पर चर्चा हो रही है. यह जल्द ही पूरी हो जाएगी. सोशल मीडिया पर वायरल प्रियंका चतुर्वेदी का एक वीडियो आग में घी डालने का काम कर रहा है जिसमें वह पीएम मोदी की तारीफ करती दिखाई देती हैं.


इधर कुछ समाचार चैनलों पर ऐसी खबरें आई हैं कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी एमवीए से अलग हो सकती है और अपने दम पर सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. पिछले कुछ दिनों में तीनों मुख्य विपक्षी दलों के बीच सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए गहन विचार-विमर्श हुआ है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस और शिवसेना के बीच मुद्दों पर सहमति नहीं है.


भाजपा और उद्धव सेना फिर आएंगे साथ?


ऐसी अटकलें हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संजय राउत से फोन पर बात की है. इससे संकेत मिलता है कि 2019 में अलग होने से पहले दशकों तक सहयोगी रही शिवसेना और भाजपा अब फिर साथ आ रही हैं. दोनों दलों ने 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद अपना गठबंधन तोड़ दिया था. उस समय अविभाजित शिवसेना ने आरोप लगाया था कि भाजपा मुख्यमंत्री पद बारी-बारी से साझा करने के अपने वादे से मुकर रही है. भाजपा इस आरोप को खारिज करती रही है.



सफाई में क्या बोले राउत


अमित शाह से फोन पर बातचीत के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा, ‘भाजपा गलत सूचना फैला रही है. हम जानते हैं कि यह कौन कर रहा है. पार्टी को विधानसभा चुनाव में हार का डर है इसीलिए वह गलत सूचना फैलाने का काम कर रही है.’ राउत ने कहा कि भाजपा ने (जून 2022 में) शिवसेना में विभाजन कराया, ठाकरे की एमवीए सरकार को गिरा दिया और यह भी सुनिश्चित किया कि पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही गुट को मिले.


उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) और भाजपा के फिर से गठबंधन को असंभव करार देते हुए कहा, ‘भाजपा ने सबसे बुरा काम यह किया कि उसने सरकार की बागडोर गद्दारों (शिंदे और बागी विधायकों के लिए उद्धव गुट इसी शब्द का इस्तेमाल करता है) को दे दी, जो पिछले कुछ साल से राज्य को लूट रहे हैं.’ राउत ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की गलत सूचना का एमवीए में सीट बंटवारे की चर्चा से कोई लेना-देना नहीं है. कुछ कांग्रेस नेताओं द्वारा शिवसेना (यूबीटी) के बारे में मीडिया को जानकारी लीक किए जाने संबंधी सवाल पर राउत ने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि कोई कांग्रेस नेता ऐसी टिप्पणी कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘हम भाजपा की सहायता नहीं करेंगे, जो संविधान को कमजोर करना चाहती है और महाराष्ट्र के गौरव का निरादर करती है.’


आज भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ आगे की बातचीत होगी. इस चर्चा के बाद आज ही उम्मीदवारों की सूची घोषित हो सकती है.


कांग्रेस बोली, भाजपा भ्रम फैला रही


कांग्रेस के स्टेट प्रेसिडेंट नाना पटोले ने कहा, ‘शिवसेना (यूबीटी) के गठबंधन छोड़ने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है. भाजपा विपक्षी दलों के बारे में गलत सूचना फैला रही है. विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ेगा. इस हार के डर से वे इस तरह का खेल खेल रहे हैं. कांग्रेस की ओर से भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है. हमारे सभी सामूहिक प्रयास महाराष्ट्र में एमवीए को सत्ता में लाने पर केंद्रित हैं.’


उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘भाजपा का हिंदुओं के प्रति प्रेम दिखावा है. जब नरेन्द्र मोदी सत्ता में आए, तो उन्होंने ‘विश्वगुरु’ होने का दावा किया. हालांकि, इन 11 वर्षों में किसानों की आत्महत्या में वृद्धि हुई है और उनमें से अधिकतर हिंदू थे.’ पटोले ने कहा कि बेरोजगारी के कारण कई लोगों ने अपनी जान दे दी और इनमें से भी अधिकतर हिंदू थे. (भाषा)