चुनावी जनसभा में समां बांध रहे थे AIMIM चीफ ओवैसी, पब्लिक बजा रही थी ताली; अचानक पुलिस ने थमा दिया नोटिस
Asaduddin Owaisi: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने आखिरी दौर में है. इस बीच महायुति और महाअघाड़ी की जुबानी जंग से इतर एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषणों और फायरब्रांड बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने में लगातार बढ़त बनाए हुए हैं.
Asaduddin Owaisi: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने आखिरी दौर में है. इस बीच महायुति और महाअघाड़ी की जुबानी जंग से इतर एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषणों और फायरब्रांड बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने में लगातार बढ़त बनाए हुए हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने आखिरी दौर में है. इस बीच महायुति और महाअघाड़ी की जुबानी जंग से इतर AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषणों और फायरब्रांड बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने में लगातार बढ़त बनाए हुए हैं. इस बीच उनके भड़काऊ भाषणों के लिए चेतावनी देते हुए महाराष्ट्र पुलिस ने सोलापुर में ओवैसी की एक जनसभा के बीचों बीच अचानक मंच पर नोटिस थमा दिया तो वहां मौजूद लोग हक्का बक्का रह गए. पुलिस के नोटिस को पढ़ते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी स्पीच में किया '15 मिनट' का जिक्र कर दिया. क्या है पूरा मामला? आइए बताते हैं.
मंच पर पुलिस ने थमाया नोटिस
बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ती तरह ओवैसी भी अपनी पार्टी का झंडा पूरे तामझाम के साथ लहरा रहे हैं. महाराष्ट्र में 10 साल पहले ही AIMIM का खाता खुल गया था. ऐसे में इस बात कुछ बड़ा प्रदर्शन करने का दावा कर रहे असदुद्दीन ओवैसी अपने भाषणों से मुसलमानों को एकजुट कर रहे हैं. ओवैली कल सोलापुर में थे. लेकिन वहां भरे मंच पर पुलिस ने उन्हें नोटिस थमा दिया. दरअसल बुधवार को सोलापुर मध्य विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार फारूक शाब्दी की प्रचार रैली में शामिल होने के लिए असदुद्दीन ओवैसी सोलापुर आए हुए थे. इस दौरान महाराष्ट्र पुलिस के जवान द्वारा ओवैसी को मंच पर ही पुलिस ने नोटिस दे दिया.
नोटिस में क्या लिखा?
आपको बताते चलें कि महाराष्ट्र पुलिस के नोटिस में ओवैसी को अपने भाषण में किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचाने और भड़काऊ भाषण ना देने की हिदायत दी गई. पुलिस ने बीएनएस की धारा 168 के तहत यह नोटिस असदुद्दीन ओवैसी को थमाया. बीएनएस की धारा 168 के मुताबिक प्रत्येक पुलिस अधिकारी किसी संज्ञेय अपराध के घटित होने को रोकने के लिए हस्तक्षेप कर सकता है और अपना पूरी क्षमता से वह ऐसा कर सकता है. इससे पहले ओवैसी ने छत्रपति संभाजीनगर में औरंगाबाद के नाम बदलने को लेकर और महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों पर निशाना साधा था.