Maharashtra Legislative Council Election: भाजपा को बड़ा झटका, फडणवीस बोले- `3 पार्टियों की ताकत का अंदाजा नहीं लगा सके`
महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के महा विकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) वाली शरद पवार की एनसीपी (NCP) ने औरंगाबाद और पुणे ग्रैजुएट सीट पर विधान परिषद चुनाव जीता है. औरंगाबाद डिविजन ग्रैजुएट सीट से एनसीपी के सतीश चव्हाण ने जीत हासिल की है. उन्होंने भाजपा के शिरिश बोरलकर को हराया है.
मुंबई: महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव (Maharashtra Legislative Council election 2020) में भाजपा (BJP) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी ने स्थानीय निकाय उपचुनाव में सिर्फ धुले-नंदुरबार सीट जीती है. स्थानीय निकाय क्षेत्र समेत स्नातक व शिक्षक क्षेत्र के विधान परिषद की 5 सीटों पर 1 दिसंबर को मतदान हुआ था. भाजपा (BJP) ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
धुले-नंदुरबार सीट पर स्थानीय निकाय उपचुनाव में भाजपा के अमरीश रसिक लाल पटेल ने जीत हासिल की है. यहां बता दें कि पटेल पहले कांग्रेस पार्टी में थे और उन्होंने इस्तीफा देकर भाजपा को जॉइन किया था.
महाराष्ट्र सरकार के महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन वाली शरद पवार (Sharad Pawar) की एनसीपी (NCP) ने औरंगाबाद और पुणे ग्रैजुएट सीट पर विधान परिषद चुनाव जीता है.
औरंगाबाद डिविजन ग्रैजुएट सीट से एनसीपी (NCP) के सतीश चव्हाण ने जीत हासिल की है. उन्होंने भाजपा के शिरिश बोरलकर को हराया है. स्टेट इलेक्टोरल ऑफिस ने बताया कि चव्हाण को 1,16,638 वोट मिले जबकि बोरलकर 58,743 वोट मिले.
पुणे डिविजन ग्रैजुएट क्षेत्र की बात करें तो यहां एनसीपी के अरुण लाड ने भाजपा के उम्मीदवार संग्राम देशमुख को 48,824 वोटों के अंतर से हराया है. लाड को 1,22,145 वोट मिले हैं और देशमुख को 73,321 वोट मिले हैं.
पुणे ग्रैजुएट क्षेत्र में पार्टी की हार को बड़ा झटका इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि, इस सीट के लिए पार्टी के स्टेट यूनिट प्रमुख चंद्रकांत पाटिल और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जमकर कैम्पेन किया था. लेकिन वो इस सीट को बचा नहीं पाए.
एनसीपी की जीत पर पार्टी नेता शरद पवार ने कहा कि यह जीत दिखाती है कि गठबंधन सरकार का प्रदर्शन पिछले एक साल में अच्छा रहा है.
वहीं देवेंद्र फडणवीस ने नतीजों पर कहा कि महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव परिणाम आ गए हैं और स्पष्ट है कि ये हमारी उम्मीदों के हिसाब से नहीं हैं. हम और सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन सिर्फ एक पर जीत मिली. हमें लगता है कि तीन पार्टियों (Maha Vikas Aghadi) की संयुक्त ताकत के आकलन में गलती हुई. हमें इसका अनुमान नहीं था.