इस राज्य की स्वास्थ्य बीमा योजना में क्रांतिकारी विस्तार, हर नागरिक का इलाज कराएगी सरकार
MJPJAY: इलाज के लिए मिलने वाली सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हुई है, पहले 996 तरह के इलाज थे, अब 1356 हो गए हैं. साथ ही, पहले 1000 अस्पताल इस योजना में थे, अब 1900 हो गए हैं.
Maharashtra Health Scheme: महाराष्ट्र राज्य की प्रमुख स्वास्थ्य योजना महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य अभियान (एमजेपीजेएवाई) का सालाना प्रीमियम 60% बढ़कर 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि महाराष्ट्र उन कुछ राज्यों में शामिल हो गया है जो सभी नागरिकों के लिए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज लागू कर रहे हैं. एक साल से अधिक समय से घोषणाओं के बाद एमजेपीजेएवाई 1 जुलाई को शुरू होने वाला है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2012 में लॉन्च होने के बाद से यह एमजेपीजेएवाई का अब तक का सबसे बड़ा अपग्रेड है.
योजना का लाभ राज्य के हर निवासी को
MJPJAY 2.0 में पहले से काफी ज्यादा फायदे मिल रहे हैं. अब योजना का लाभ राज्य के हर निवासी को मिलेगा, बस आपके पास राशन कार्ड और रहने का प्रमाण पत्र होना चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, अब प्रति परिवार मिलने वाली राशि 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. राज्य ने हाल ही में बीमा कंपनी चुनने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और दोबारा यूनाइटेड इंडिया एश्योरेंस को चुना गया है. 12.3 करोड़ परिवारों के लिए राज्य हर परिवार का सालाना 1300 रुपये का प्रीमियम भरेगा.
1356 तरह के इलाज
इलाज के लिए मिलने वाली सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हुई है, पहले 996 तरह के इलाज थे, अब 1356 हो गए हैं. साथ ही, पहले 1000 अस्पताल इस योजना में थे, अब 1900 हो गए हैं. योजना को चलाने वाली संस्था के सीईओ रमेश चव्हाण ने बताया कि इस योजना की मांग लगातार बढ़ रही है. पिछले 5 सालों में ऑपरेशन की संख्या 70% बढ़ गई है. उन्होंने यह भी बताया कि अच्छे अस्पतालों को इस योजना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, क्योंकि इलाज के लिए मिलने वाली रकम में 15 से 20% का इजाफा किया गया है.
एमजेपीजेएवाई योजना शुरू होने के बाद से अब तक 65 लाख से ज्यादा ऑपरेशन हो चुके हैं. इसमें सबसे ज्यादा मांग कैंसर के इलाज, दिल से जुड़ी परेशानियों के ऑपरेशन, किडनी से जुड़ी बीमारियों के इलाज, बच्चों के इलाज और गंभीर चोटों के इलाज की है.
योजना को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए, SHAS लगभग 1600 नए अस्पतालों को शामिल करने के लिए आवेदन पत्रों की जांच कर रहा है. इन 900 नए अस्पतालों में से आधे सरकारी होंगे. मुंबई में इस समय 57 अस्पताल इस योजना का हिस्सा हैं और वहां सेवनहिल्स अस्पताल सहित एक दर्जन से अधिक अस्पतालों ने शामिल होने का अनुरोध किया है. लेकिन शहर के बहुत महंगे चैरिटेबल अस्पताल अभी तक इस योजना में शामिल होने के लिए इच्छुक नहीं दिख रहे हैं.
योजना का विस्तार खुशखबरी लेकिन
एक जनस्वास्थ्य कार्यकर्ता ने कहा कि भले ही योजना का विस्तार खुशखबरी है, लेकिन कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां सरकार को निगरानी मजबूत करने की जरूरत है. "सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लाभार्थियों से अस्पतालों में अभी भी जो अतिरिक्त पैसा मांगा जाता है, उसे पूरी तरह खत्म किया जाए. साथ ही, कम सुविधा वाले जिलों में इस योजना का ज्यादा फायदा पहुंचाने की जरूरत है." कार्यकर्ता ने बताया कि कर्नाटक, त्रिपुरा और मेघालय कुछ ऐसे राज्य हैं जिन्होंने पिछले कुछ सालों में सबसे पहले सबको इलाज की सुविधा देने वाली योजना शुरू की थी.
चव्हाण ने बताया कि योजना के सही से इस्तेमाल पर नजर रखने के लिए एक स्वतंत्र संस्था को काम पर रखने की योजना है. यह संस्था आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डाटा एनालिसिस की मदद से ये समझेगी कि किन इलाजों की ज्यादा मांग है और कोई अस्पताल इस योजना का गलत फायदा तो नहीं उठा रहा है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एमजेपीजेएवाई के साथ-साथ आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) भी एकीकृत तरीके से चल रही है, जो सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (एसईसीसी 2011) के माध्यम से चिन्हित 83 लाख परिवारों को कवरेज प्रदान करती है.