अमित त्रिवेदी, मुंबई: महाराष्‍ट्र में सत्‍तारूढ़ बीजेपी और शिवसेना की बढ़ती तल्‍खी के बीच कैबिनेट मंत्री पंकजा मुंडे ने धनगर समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर राज्‍य सरकार की परेशानियां बढ़ा दी हैं. ऐसा इसलिए क्‍योंकि मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग के कारण पहले ही देवेंद्र फडणवीस की सरकार बैकफुट पर रही है. हालांकि बाद में सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने का ऐलान किया.


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इसी तर्ज पर पंकजा मुंडे धनगर समाज को आरक्षण देने की वकालत कर रही हैं. उन्‍होंने इस संदर्भ में नांदेड में माळेगाव यात्रा के दौरान रविवार शाम को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं गोपीनाथ मुंडे की पुत्री, पंकजा गोपीनाथ मुंडे आप सबको इस सार्वजनिक सभा में वचन देती हूं कि आपके समर्थन से अगर सत्ता परिवर्तन हुए बिना दोबारा भाजपा की सरकार आती है तो बिना धनगर आरक्षण पर फैसला हुए मै मंत्रालय के गलियारों में प्रवेश नहीं करूंगी. आपकी मांगों के लिए आपके साथ दिल्ली तक जाने की क्या बात है, मैं आपके साथ पृथ्वी के बाहर तक जाने को भी तैयार हूं. अगर आप कहेंगे तो मैं भेड़ों के पीछे भी चल पड़ूंगी.''


'यदि गठबंधन नहीं हुआ तो पूर्व सहयोगी दलों को करारी शिकस्त देंगे'
बीजेपी के भीतर से पंकजा मुंडे का बयान ऐसे वक्‍त पर आया है जब बीजेपी और शिवसेना के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर गठबंधन को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इस कड़ी में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए रविवार को कहा कि यदि गठबंधन होता है तो पार्टी अपने सहयोगी दलों की जीत सुनिश्चित करेगी और यदि ऐसा नहीं होता है तो पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में अपने पूर्व सहयोगियों को करारी शिकस्त देगी.


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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को राज्य की 48 लोकसभा सीटों में 40 पर जीत हासिल करने का लक्ष्य दिए जाने के फौरन बाद शाह ने यह टिप्पणी की. इन बयानों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए शिवसेना ने कहा कि उसे जो भी चुनौती देगा, उसका सामना करने को वह तैयार है.


शिवसेना ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि उसकी (भाजपा की) योजना 40 सीट जीतने की है. इसका मतलब है कि वह ईवीएम में छेड़छाड़ करने पर निर्भर है.


शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के एक सहयोगी ने कहा, ‘‘जो हम पर हमला कर रहे हैं, हम निश्चित तौर पर उन्हें हराएंगे.’’ इससे पहले, शाह और फडणवीस ने रविवार को कई जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को गठबंधन की संभावना के भ्रम से दूर रहना चाहिए. यदि सहयोगी दल हमारे साथ आते हैं तो हम उनकी जीत सुनिश्चित करेंगे, अन्यथा हम उन्हें ‘‘पटक देंगे’’. पार्टी कार्यकर्ताओं को हर बूथ पर तैयारी करना चाहिए.


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पानीपत की तीसरी लड़ाई
उन्होंने इन चुनावों की तुलना पानीपत की तीसरी लड़ाई से की. गौरतलब है कि पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठा सेना को अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली की सेना ने हराया था. भाजपा प्रमुख ने कहा कि उस लड़ाई के बाद देश 200 साल तक गुलाम रहा था. उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम यह चुनाव जीतते हैं तो हमारी विचारधारा अगले 50 साल तक शासन करेगी.’’ शाह ने फडणवीस के विचारों से सहमति जताते हुए कहा, ‘‘हमें (महाराष्ट्र में) 48 में कम से कम 40 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखना चाहिए.’’