संजय राउत ने कहा, ‘‘देश खंडित जनादेश की तरफ बढ़ रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए जिम्मेदार हैं.’’ उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी को मिला पूर्ण बहुमत ‘‘बर्बाद गए मौके’’की तरह था. राउत ने लिखा था कि 2014 में मोदी के समर्थन में लहर थी, क्योंकि वोटरों ने तय कर लिया था कि कांग्रेस को हराना है, लेकिन ‘‘आज तस्वीर बदल गई है.’’
शिवसेना सांसद ने कहा, ‘‘मोदी की छवि अब फीकी पड़ गई है. राहुल गांधी का नेतृत्व मोदी के जितना बड़ा नहीं है, लेकिन उसे अब अहमियत मिल रही है क्योंकि लोग मौजूदा सरकार से निराश हैं.’’
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राउत ने कहा, ‘‘भाजपा के कई वरिष्ठ नेता आगामी चुनावों में पार्टी के संभावित खराब प्रदर्शन को लेकर चिंतित हैं, लेकिन नितिन गडकरी के बयान इस बात के संकेत हैं कि हवा किस तरफ बह रही है. गडकरी जैसे नेता की आरएसएस और भाजपा नेताओं के बीच बराबर स्वीकार्यता है.’’ उन्होंने दावा किया कि गडकरी को भाजपा अध्यक्ष के तौर पर दूसरा कार्यकाल नहीं मिले, इसके लिए ‘‘राजनीतिक साजिशें’’ रची गईं थी.
'यदि गठबंधन नहीं हुआ तो पूर्व सहयोगी दलों को करारी शिकस्त देंगे'
इस बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए रविवार को कहा कि यदि गठबंधन होता है तो पार्टी अपने सहयोगी दलों की जीत सुनिश्चित करेगी और यदि ऐसा नहीं होता है तो पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में अपने पूर्व सहयोगियों को करारी शिकस्त देगी.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को राज्य की 48 लोकसभा सीटों में 40 पर जीत हासिल करने का लक्ष्य दिए जाने के फौरन बाद शाह ने यह टिप्पणी की. इन बयानों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए शिवसेना ने कहा कि उसे जो भी चुनौती देगा, उसका सामना करने को वह तैयार है.
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शिवसेना ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि उसकी (भाजपा की) योजना 40 सीट जीतने की है. इसका मतलब है कि वह ईवीएम में छेड़छाड़ करने पर निर्भर है.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के एक सहयोगी ने कहा, ‘‘जो हम पर हमला कर रहे हैं, हम निश्चित तौर पर उन्हें हराएंगे.’’ इससे पहले, शाह और फडणवीस ने रविवार को कई जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को गठबंधन की संभावना के भ्रम से दूर रहना चाहिए. यदि सहयोगी दल हमारे साथ आते हैं तो हम उनकी जीत सुनिश्चित करेंगे, अन्यथा हम उन्हें ‘‘पटक देंगे’’. पार्टी कार्यकर्ताओं को हर बूथ पर तैयारी करना चाहिए.
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पानीपत की तीसरी लड़ाई
उन्होंने इन चुनावों की तुलना पानीपत की तीसरी लड़ाई से की. गौरतलब है कि पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठा सेना को अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली की सेना ने हराया था. भाजपा प्रमुख ने कहा कि उस लड़ाई के बाद देश 200 साल तक गुलाम रहा था. उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम यह चुनाव जीतते हैं तो हमारी विचारधारा अगले 50 साल तक शासन करेगी.’’ शाह ने फडणवीस के विचारों से सहमति जताते हुए कहा, ‘‘हमें (महाराष्ट्र में) 48 में कम से कम 40 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखना चाहिए.’’
(इनपुट: एजेंसी भाषा से)