Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 से अधिक विधायकों के विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. एकनाथ शिंदे समूह ने दावा किया है कि उनका गुट ही असली शिवसेना है. शिंदे गुट को विधायकों के बाद कई सांसदों का समर्थन मिलने की संभावना है. अब शिंदे गुट के शिवसेना के चिन्ह पर भी दावा करने की संभावना है. उधर, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शिंदे गुट के बीच कानूनी लड़ाई के संकेत मिल रहे हैं.


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उद्धव ठाकरे ने इसे देखते हुए शिवसैनिकों से बड़ी अपील की है. सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने कहा है कि शिवसैनिक नए चुनाव चिन्ह के लिए तैयार रहें और अगर कानूनी लड़ाई में हारे तो नए चिन्ह के लिए तैयारी करें. उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों से कहा है कि नया चिन्ह मिले तो जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचाएं.


उद्धव ठाकरे को मैदान में कूदना पड़ा


एकनाथ शिंदे के बागी होने से शिवसेना में टूट पैदा हो गई. पार्टी को बचाने के लिए उद्धव ठाकरे मैदान में कूद गए हैं. उद्धव ठाकरे को इस बात की चिंता सता रही है कि कानूनी लड़ाई में शिवसेना की पहचान खोनी पड़ सकती है. सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे के 40 विधायकों के विद्रोह को देखते हुए अब शिवसेना का चिन्ह हटाने का प्रयास किया जाएगा.


पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि कोर्ट में जो भी लड़ाई लड़नी पड़ेगी हम लड़ेंगे. लेकिन दुर्भाग्य से अगर हम इस कानूनी लड़ाई में असफल होते हैं, तो शिवसेना को नया चिन्ह मिलेगा. उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों से इसे कम समय में लोगों तक पहुंचाने की अपील की है. 


इस बीच, एकनाथ शिंदे समेत 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली शिवसेना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को सुनवाई होगी. हालांकि, इस सुनवाई से पहले ही एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया.


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