अकोला: महाराष्ट्र (Maharashtra) में अकोला जिले के आदिवासी गांव नवी तलाई में पहली बार बिजली पहुंचते ही लोग खुशी से झूम उठे. दो दिन पहले जब गांव में बिजली पहुंची तो लोगों को एक बार के लिए यकीन ही नहीं हुआ कि अब उनका गांव भी रोशन हो गया है. बाद में जब ऑफिसरों ने बल्ब जलाकर दिखाए तो लोगों ने खुशी में दीये जलाए और केक काटकर दिवाली मनाई.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल गांव नवी तलाई में रहने वाले लोग पहले अमरावती जिले के मेलघाट बाघ परियोजना के मुख्य क्षेत्र में रहते थे, वहां पर भी बिजली नहीं थी. साल 2018 में उन्हें वहां से स्थानांतरित करके नवी तलाई में बसाया गया. इस गांव में रहने वाले 540 लोग पुर्नवास के समय से ही बिजली से वंचित थे. उन्हें अपने मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए भी पड़ोसी गांव के लोगों पर निर्भर रहना पड़ता था. उनके घरों का अंधकार 22 जुलाई को समाप्त हुआ. जब नवी तलाई में पहली बार बिजली पहुंची.


गांव में बिजली पहुंचाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल कोल्हे और विधान परिषद सदस्य अमोल मितकारी ने बीड़ा उठाया. उन्होंने लगातार सरकार पर इस मुद्दे पर दबाव बनाया और समय-समय पर ऑफिसरों को इस संबंध में ज्ञापन सौंपे. एमएलसी अमोल मितकारी ने अब इस गांव को गोद ले लिया है. एमएलसी ने कहा कि बिजली आने के बाद अब नवी तलाई में भी विकास की बयार तेज बहेगी.


ये भी पढ़े- 2040 तक महासागरों में डंप प्लास्टिक कचरा 3 गुना होने का अनुमान! जानें क्या होंगे खतरे


गांव में बिजली पहुंचाने वाली महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड के एक अधिकारी ने कहा कि गांव तक बिजली पहुंचाना उसका दायित्व था. जैसे ही उसे गांव में बिजली पहुंचाने के लिए निर्देश मिला. कंपनी ने मिशन मोड में काम शुरू कर दिया. अधिकारी के मुताबिक अब गांव के सभी घरों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है. आगे भी कंपनी गांव के विकास के लिए काम करती रहेगी.


ये भी देखें-