अश्विनी पवार, पुणे: सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी का बदला हुआ ड्रेस कोड और पगडी को लेकर हुए विवाद की बीच पदवीदान समारोह आज (11 जनवरी) को संपन्न हुआ. एक जगह नए ड्रेसकोड सें छात्र खुश थे. दूसरी तरफ कुछ छात्र संगठन पुणेरी पगड़ी का विरोध कर रहे थे. छात्र संगठनों ने दीक्षांत समारोह के वक्त पुणेरी पगड़ी के खिलाफ नारेबाजी भी की.


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शुक्रवार को सावित्री बाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में कुर्ता-पायजामा, गमछा पहनकर छात्र पहुंचे थे. 114वें दीक्षांत समारोह में सालो सें चलते आ रहे अंग्रजों के जमाने का ड्रेस कोड आज से बदल गया. कुर्ता-पायजामा और पुणेरी पगड़ी पहने छात्र दीक्षांत समारोह में दिखाई दिए. हालांकि, इस दीक्षांत समारोह में आने वाले गणमान्य व्यक्तियों 'पुणेरी पगड़ी' के बजाए फुले पगडी पहनाई जाने की मांग कुछ छात्र संगठन कर रहे थे. उन्होंने पुणेरी पगड़ी का विरोध किया था.



दीक्षांत समारोह वक्त लोकतांत्रिक जनता दल के कार्यकर्ताओं ने पुणेरी पगड़ी के खिलाफ पुणे विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया. वहीं, दूसरी ओर एनसीपी के छात्र संगठन ने भी गधे को 'पुणेरी पगड़ी' पहनाकर इसका विरोध किया.


इस दीक्षांत समारोह में शामिल हुए छात्र इंद्रजीत का कहना था कि शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. आप कौन-सी पगड़ी पहनते हो वो जरूरी नहीं है. वहीं, छात्रा पूजा ने कहा कि हमेशा पहनते आए ब्लैक ड्रेस सें नया भारतीय ड्रेस मुझे पसंद आया. हमारी ये पहली बैच है जो नया ड्रेस कोड पहन रही है. किसी भी पगड़ी को लेकर विश्वविद्यालय में विरोध नहीं होना चाहिए. हालांकि नए ड्रेस कोड के साथ पुणे विश्वविद्यालय ने पुराना ड्रेस भी छात्रों को दिया था. कुछ छात्रों ने पुणेरी पगड़ी पहनकर फोटो सेशन कराया.