मुंबई: मुंबई में एक अदालत ने अपने फैसले में जो सजा सुनाई है उसके मुताबिक एक दामाद यानी जमाई को हर रोज चार घंटे ससुर की सेवा करनी पड़ेगी। यह सजा ठाणे न्यायालय ने एक आरोपी को सुनाई है। कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक दामाद को ससुर के दवाई उपचार की तरफ ध्यान देना होगा और उसके बाद एक घंटे दरगाह में जाकर साफ-सफाई करके पेड़ों को पानी डालने का काम भी करना पड़ेगा।


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जानकारी के मुताबिक ठाणे के नूरी कंपाउंड में रहने वाली रिजवान गनी नूरी (35) का विवाह वर्ष 1999 में पुणे के शगुफ्ता हनीफ शेख से हुआ था। शगुफ्ता को बच्चा नहीं होने से उसका पति उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था। रिजवान ने भाई के लड़के को गोद लिया था, फिर भी वो शगुफ्ता को परेशान करता था।


2010 में रिजवान ने खुद को आग लगा ली और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। कोर्ट ने सबूत को सही मानते हुए आरोपी नूरी को सजा सुनाई गई। पत्नी को प्रताड़ित कर उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के लिए आरोपी को 14 दिन की सख्त मजदूरी और 50 हजार रूपये दंड भरने की सजा सुनाई गई। इतना ही नहीं कोर्ट ने दंड की रकम शगुफ्ता के पिता को देने के आदेश दिए गए।