India China News: सरहद पर `ड्रैगन` ने की गलती तो गर्दन तोड़ डालेगी भारतीय सेना, PLA के खिलाफ बन गया जबरदस्त घेरा
India China News in Hindi: सरहद पर पिछले 4 साल से अपनी सेना का जमावड़ा करके बैठे चीन ने अगर कोई भी हिमाकत की तो उसे औकात बताने के लिए भारतीय सेना ने जबरदस्त घेरा तैयार कर दिया है.
Indian Army preparations against China: चीन को काउंटर करने के लिए इंडियन आर्मी ने अपनी पावर बढ़ाई है. इंडियन आर्मी के टॉप जनरल ने खुद बताया है कि चीन के खतरे से निपटने के लिए बारूदी तोपों का पूरा नेटवर्क तैयार कर लिया गया है. इस नेटवर्क में FUTURE TECHNOLOGY वाले हथियार भी शामिल हैं. क्या है इंडियन आर्मी का ये बारूदी ब्लूप्रिंट और किस तरह ये चीन को कर देगा चित. आपको बताएगी हमारी स्पेशल रिपोर्ट.
चीन से निपटने के लिए भारतीय सेना की बड़ी तैयारी
करीब 11 महीने पहले लद्दाख की ऊंचाईयों पर इंडियन आर्मी ने अपने मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम और आर्टिलरी गंस की टेस्टिंग की थी. तभी समझ में आ गया था कि चीन के साथ एलएसी के लिए इंडियन आर्मी बड़ी तैयारी कर रही है. अब ये तैयारी अपने अंजाम तक पहुंच चुकी है.
आर्मी में आर्टिलरी के डायरेक्टर जनरल ऑफिस से जो जानकारी रिलीज की गई है. उसके मुताबिक एलएसी पर इंडियन आर्मी ने अपने तोपखाने को धार दे दी है. एलएसी पर पहले से ही 60 K-9 वज्र तोपों को तैनात किया गया था.
अपने तोपखाने को धार दे रही भारतीय सेना
अब आर्मी ने 100 अतिरिक्त आर्टिलरी सिस्टम की खरीद का ऑर्डर दे दिया है. यानी K-9 आर्टिलरी होविज्तर सिस्टम की एक बड़ी खेप को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात किया जाएगा ताकि चीन से मिलने वाली किसी भी सामरिक चुनौती को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.
K-9 वज्र के साथ ही साथ एलएसी के लिए ATAGS तोपों को भी तैनात करने की तैयारी की जा रही है. ATAGS प्रोजेक्ट को आज से 10 साल पहले शुरु किया गया था. इस प्रोजेक्ट के तहत मूवमेंट करने वाली लाइट तोपें बनाई जाती हैं. ये तोप 155 MM कैलिबर की हैं. इस तोप को चलाने के लिए 6 सैनिकों की जरूरत पड़ती है. ATAGS एक मिनट के अंदर 5 राउंड तक फायर कर सकती है.
कामीकाजे ड्रोन का बेड़ा हो रहा तैयार
LAC के लिए बनाए जा रहे सुरक्षा कवच में आर्टिलरी के साथ ही साथ लॉइटरिंग म्यूनिशंस यानी कामीकाजे ड्रोंस को भी तैनात किया जा रहा है, ताकि जो टारगेट आर्टिलरी की रेंज से बाहर हो, उसे कामीकाजे ड्रोन के जरिए हिट किया जा सके.
मेक इन इंडिया अभियान के तहत इंडियन आर्मी के लिए अचूक ड्रोन की टेस्टिंग की जा चुकी है. अचूक ड्रोन को फायर करने के लिए बैरल सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सकता है. जिसे सिर्फ एक ऑपरेटर इस्तेमाल कर सकता है. सिर्फ 15 मिनट के अंदर इसका पूरा सेटअप लग जाता है और फिर ये रेडी टू फायर मोड में आ जाता है.
300 किमी तक आग बरसा देगा पिनाका
अचूक ड्रोन अपने साथ डेढ़ किलो तक का विस्फोटक या मिनी बम ले जा सकता है...इस ड्रोन की रेंज 30 किलोमीटर है और ये साढ़े तीन किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच जाता है. खास बात ये है कि अचूक ड्रोन माइनस 20 डिग्री तक के तापमान में उड़ान भर सकता है, जो इसे एलएसी की पहाड़ियों के लिए मुफीद हथियार बनाता है.
एलएसी के लिए तैयार किए गए बारूदी ब्लूप्रिंट का सबसे घातक फीचर है मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका की तैनाती. पिनाका रॉकेट लॉन्चर बैटलफील्ड में अपना दम खम साबित कर चुका है. पिनाका का मार्क 3 वर्जन तैयार किया जा रहा है, जिसके रॉकेट्स की रेंज 300 किलोमीटर तक होगी. जैसे ही पिनाका का लॉन्ग रेंज वर्जन तैयार हो जाएगा, इसको भी एलएसी पर तैनात किया जाएगा.