अप्रवासी मजदूरों की ट्रेनों को आने की अनुमति देने में आनाकानी कर रही ममता सरकार
रे देश में लॉकडाउन के होने के बाद से पश्चिम बंगाल सबसे ज्यादा विवादों में रहा है.
कोलकाता: पूरे देश में लॉकडाउन के होने के बाद से पश्चिम बंगाल सबसे ज्यादा विवादों में रहा है. यहां पर कोरोना के संक्रमित मरीजों के आंकड़े छुपाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार जारी है. केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई टीम को अपना काम नहीं करने देने की बात कही गई. अब बंगाल से कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने राज्य में अप्रवासी मजदूरों की ट्रेन आने की अनुमति देने में आनाकानी कर रही हैं. अभी तक पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा केवल दो ट्रेन को आने की अनुमति दी गई है. उसमें से भी अजमेर शरीफ से है और दूसरी ट्रेन केरल से है.
महाराष्ट्र सरकार ने थाने के पास के कैंपो में रह रहे बंगाल के प्रवासियों श्रमिकों को पश्चिम बंगाल वापस भेजने की अनुमति मांगी है. ममता ने पहले महाराष्ट्र को हां बोलकर बाद में इनकार कर दिया गया. महाराष्ट्र के चीफ सेक्रेटरी ने इस बारे में पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी से बात भी की थी और पश्चिम बंगाल की तरफ से आश्वासन भी दिया गया था कि इन प्रवासियों श्रमिकों को वापस बुलाएंगे.
5 तारीख तक रेलवे ने कुल 67 माइग्रेंट ट्रेन चलाई हैं जिसमें से 35 अपने गंतव्य पर पहुंच गई हैं और 32 पहुंचने वाली हैं. बिहार में 24 ट्रेन आने की अनुमति मिली और यूपी में 15 ट्रेन आने की अनुमति मिली है. रेलवे 21 ट्रेन और चलाने जा रहा है. यूपी-बिहार जैसे राज्य अपने यहां ट्रेन आने की अनुमति दे रहे हैं, वहीं मुख मंत्री ममता बनर्जी की सरकार रोड़े अटका रही है.
पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अलपान बंदोपाध्याय ने कहा कि हम सभी राज्यों से बात कर रहे हैं कि कैसे सभी प्रवासियों श्रमिकों को वापस लाया जाए. बस या ट्रेन से. जब रेलवे ने ये स्पस्ट कर दिया है कि राज्य सरकारों को मात्र 15 प्रतिशत किराया देना होगा तो बंगाल सरकार उनको लाने में में आनाकानी क्यों कर रही है.
इधर, कोरोना से संक्रमित मौत के आंकड़ों को लेकर भी बंगाल और केंद्र आमने सामने हैं. केंद्रीय स्वस्थ मंत्रालय की वेबसाइट में बंगाल में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 140 बताई गई है. बंगाल सरकार ने इसका खंडन किया है. कोरोना से मरने वालों की संख्या मात्र 68 बताई है. ममता सरकार का कहना है कि 72 लोगो की मौत सहरुग्णता से हुई है. अब कोरोना के आंकड़े छुपाने में किसको फायदा होगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.