Subhash Chandra Bose की विरासत पर राजनीति तेज, अब Netaji Battalion बनाएंगी ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में इस साल विधान सभा चुनाव होने हैं. इसे देखते हुए बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत को अपना बताने की राजनीति तेज हो गई है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत को लेकर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस में राजनीति तेज हो गई है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने घोषणा की है कि वे कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) में 'नेताजी' के नाम से एक नई बटालियन (Netaji Battalion) बनाएंगी.
विधान भवन में नेताजी बटालियन की घोषणा
शुक्रवार को विधानसभा में बजट पेश करते समय ममता (Mamta Banerjee) ने घोषणा की कि कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) फोर्स में नेताजी बटालियन का गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) को श्रद्धांजलि के तौर पर राज्य स्तर पर योजना आयोग बनाना चाहती है. उन्होंने कहा, ‘हम हर जिले में जय हिंद भवन और न्यूटाउन में आजाद हिंद स्मारक बनवाएंगे.’
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केंद्र सरकार ने भी लिया बड़ा फैसला
इससे पहले शुक्रवार को ही केंद्र सरकार ने देश के 383 रिहायशी स्कूलों एवं 680 हॉस्टलों का नाम बदल कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) रेजिडेंशियल स्कूल रखने का निर्णय लिया. ये सभी विद्यालय शिक्षा मंत्रालय की समग्र शिक्षा योजना के तहत वित्तपोषित हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा कि हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए यह निर्णय लिया है कि इन रिहायशी स्कूलों एवं हॉस्टलों का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस रेजिडेंशियल स्कूल रखा जाएगा.
पश्चिम बंगाल में इस साल विधान सभा चुनाव
बता दें कि इस साल पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधान सभा चुनाव होने हैं. बीजेपी दमदार तरीके से तृणमूल कांग्रेस को टक्कर दे रही है और उसके कई प्रभावी नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है. उससे TMC भड़की हुई है और बीजेपी पर राज्य में विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगा रही है.
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जय श्री राम के नारे से भड़क गई थी ममता
नेताजी बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की 125वीं जयंती पर 23 जनवरी को कोलकाता में हुए कार्यक्रम में जब सीएम ममता बनर्जी भाषण देने के लिए उठी तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए. इस पर ममता (Mamta Banerjee) भड़क गई और कहा कि यदि किसी को समारोह में आमंत्रित किया गया है तो उसका इस तरह से अपमान नहीं करना चाहिए. इसके बाद ममता ने भाषण देने से इन्कार कर दिया था. इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ समेत कई विशिष्ट लोग मौजूद थे.
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