Manipur violence: संदिग्ध उग्रवादियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के अग्रिम सुरक्षा काफिले पर कांगपोकपी जिले में घात लगाकर सोमवार को हमला कर दिया, जिसमें एक जवान घायल हो गया. स्थानीय पुलिस ने यह जानकारी देते हुए मामले की जांच तेज की है. यह काफिला हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले की ओर जा रहा था. पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों के वाहनों पर कई गोलियां चलाई गईं, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रुक-रुक कर फायरिंग जारी


पुलिस की टीम और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है. नेशनल हाईवे-53 के समीप कोटलेन गांव के गोलीबारी अब भी जारी है. पुलिस ने बताया कि हमले के दौरान कम से कम एक जवान गोली लगने से घायल हो गया. एक अधिकारी ने कहा, ‘मुख्यमंत्री बीरेन सिंह अभी दिल्ली से इंफाल नहीं पहुंचे हैं. वह जिले में स्थिति का जायजा लेने के लिए जिरीबाम जाने की योजना बना रहे थे.’ संदिग्ध उग्रवादियों ने शनिवार को जिरीबाम में दो पुलिस चौकियों, वन विभाग के कार्यालय और कम से कम 70 मकानों में आग लगा दी थी.


 मामले की जांच जारी


मणिपुर मुख्यमंत्री के सिक्योरिटी फोर्स के जिस काफिले पर आतंकवादी हमला हुआ है, उसमें कई पुलिसवाले घायल हो गए हैं. मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह आज जीरीबाम जानेवाले थे, इसीलिए उनकी सुरक्षा के लिए तैनात एडवांस सिक्योरिटी टीम पहले रूट क्लियर कराना चाहती थी. इसी दौरान आतंकवादियों ने हमला कर दिया. इस हमले का आरोप संदिग्ध कुकी समुदाय के लोगों पर लग रहा है.


कब हुई थी मणिपुर हिंसा की शुरुआत


मणिपुर में जातीय हिंसा करीब एक साल पहले भड़की थी. 3 मई, 2023 को मैतेई और कुकी-ज़ो समुदाय के बीच संघर्ष छिड़ गया था. मणिपुर की 35 लाख की आबादी में से आधे से अधिक मैतेई समुदाय के लोग हैं, जो खास तौर पर इंफाल और उसके आसपास रहते हैं वहीं कुकी-ज़ो और नगा जनजातियां पहाड़ी ज़िलों में रहती आईं हैं. कुकी-ज़ो समुदाय के लोग मुख़्य तौर पर ईसाई हैं. दोनों समुदायों में आपस में नहीं पटती है. इसलिए वहां आए दिन तनाव की खबरें आती रहती हैं.