Manipur Violence Latest News: मणिपुर में मैतेई समुदाय के 2 किशोर छात्र-छात्राओं की बर्बर हत्या के बाद माहौल एक बार फिर तनावपूर्ण हो गया है. गुस्साई भीड़ ने बुधवार को थाउबेल जिले में बीजेपी के एक मंडल कार्यालय को जला दिया. आग लगाने से पहले बीजेपी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की गई. लोगों ने मंडल कार्यालय के गेट, खिड़कियों को तोड़कर नष्ट कर दिया. इसके साथ ही कार्यालय परिसर में खड़ी एक महिंद्रा स्कॉर्पियो की विंडशील्ड भी तोड़ डाली. घटना के वक्त कार्यालय में मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी पीटा गया. 


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इंफाल घाटी में प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू


उधर लापता स्टूडेंट्स की हत्या के बाद इंफाल घाटी में एक बार फिर प्रदर्शनों (Manipur Violence Latest) का दौर शुरू हो गया है. इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने छात्रों की हत्याओं के विरोध में रैलियां निकाली और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की. 


इस दौरान पुलिस ने तोड़फोड़ (Manipur Violence Latest) पर उतारू भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जमकर आंसू गैस के गोले दागे, जिससे घाटी में करीब 50 लोग घायल हो गए. जख्मी होने वाले लोगों में अधिकतर छात्र थे. कई घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया. सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए 5 दिनों तक इंटरनेट सस्पेंड कर रखा है. साथ ही 29 सितंबर को प्रदेश के तमाम स्कूल बंद रखने की घोषणा की गई है. 


6 जुलाई को लापता हो गए थे दोनों छात्र


बता दें कि इम्फाल निवासी छात्रा हिजाम लिनथोइंगामी (17) और छात्र फिजाम हेमजीत (20), 6 जुलाई को अचानक लापता हो गए थे. इसके बाद उनकी आखिरी फोन लोकेशन चुराचांदपुर में पाई गई थी. 2 दिन पहले उनके शव चुराचांदपुर में एक खाई में पड़े मिले. उनकी गोली मारकर हत्या की गई थी. दोनों छात्रों की बर्बर हत्या की घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक बार फिर से राज्य के मैतेई और कुकी समुदाय में तनाव पसर गया है. 


जांच के लिए मणिपुर पहुंची सीबीआई


राज्य सरकार ने घोषणा की है कि अपराधियों (Manipur Violence Latest) के खिलाफ तुरंत और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी. सरकार के निर्देश के बाद छात्रों की हत्या की जांच के लिए सीबीआई के विशेष निदेशक अजय भटनागर मणिपुर पहुंच गए हैं. हालांकि इस घोषणा के बावजूद मैतेई समुदाय में पनपा गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. लोग लगातार सड़कों पर उतरकर दोषियों पर सख्त एक्शन की मांग कर रहे हैं. राज्य में राजनीतिक दलों के दफ्तरों को जलाने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी जून में लोगों ने थाउबेल जिले में बीजेपी के 3 दफ्तरों को जला दिया था.