Mann Ki Baat 102th Episode: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज मन की बात (Mann Ki Baat) के 102वें एपिसोड को संबोधित किया. मन की बात का आज का कार्यक्रम समय से पहले हो रहा है. यह कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को होता है. पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे तो ‘मन की बात’ हर महीने के आखिरी रविवार को होता है, लेकिन, इस बार एक सप्ताह पहले ही हो रहा है. आप सब जानते ही हैं, अगले हफ्ते मैं अमेरिका में रहूंगा और वहां बहुत सारी भाग-दौड़ भी रहेगी और इसलिए मैंने सोचा, वहां जाने से पहले आपसे बात कर लूं, और इससे बढ़िया क्या होगा? जनता-जनार्दन का आशीर्वाद, आपकी प्रेरणा, मेरी ऊर्जा भी बढ़ती रहेगी.


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बिपरजॉय से जंग पर कच्छ की तारीफ


प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं, जब भारत के सामान्य मानवी के प्रयास, उनकी मेहनत, उनकी इच्छाशक्ति को देखता हूं, तो खुद अपने आप, अभिभूत हो जाता हूं. बड़े से बड़ा लक्ष्य हो, कठिन-से-कठिन चुनौती हो, भारत के लोगों का सामूहिक बल, सामूहिक शक्ति, हर चुनौती का हल निकाल देता है. Cyclone Biparjoy ने कच्छ में कितना कुछ तहस-नहस कर दिया, लेकिन, कच्छ के लोगों ने जिस हिम्मत और तैयारी के साथ इतने खतरनाक Cyclone का मुक़ाबला किया, वो भी उतना ही अभूतपूर्व है.


भारत के पास है आपदा प्रबंधन की ताकत


पीएम मोदी ने कहा कि साथियों, प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का जोर नहीं होता, लेकिन बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है, वो आज एक उदाहरण बन रही है. प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है- प्रकृति का संरक्षण. आजकल, मॉनसून के समय में तो इस दिशा में हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है. इसीलिए ही आज देश, ‘Catch the Rain’ जैसे अभियानों के जरिए सामूहिक प्रयास कर रहा है.


छत्रपति शिवाजी महाराज को किया याद


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में ही छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हुए हैं. इस अवसर को एक बड़े पर्व के रूप में मनाया जा रहा है. इस दौरान महाराष्ट्र के रायगढ़ किले में इससे जुड़े भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. यह हम सबका कर्तव्य है कि इस अवसर पर हम छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रबंध कौशल को जानें, उनसे सीखें. इससे हमारे भीतर, हमारी विरासत पर गर्व का बोध भी जगेगा, और भविष्य के लिए कर्तव्यों की प्रेरणा भी मिलेगी.


पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने संकल्प किया है 2025 तक, टी.बी. मुक्त भारत बनाने का. जन-भागीदारी ही टी.बी. मुक्त भारत अभियान की सबसे बड़ी ताकत है. भारत को टी.बी. मुक्त बनाने की मुहिम में हमारे बच्चे और युवा साथी भी पीछे नहीं हैं. हम भारतवासियों का स्वभाव होता है कि हम हमेशा नए विचारों के स्वागत के लिए तैयार रहते हैं. हम अपनी चीजों से प्रेम करते हैं और नई चीजों को आत्मसात भी करते हैं.


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मियावाकी जंगलों को किसी भी जगह, यहां तक कि शहरों में भी आसानी से उगाया जा सकता है. कुछ समय पहले ही मैंने गुजरात में केवड़िया, एकता नगर में, मियावाकी फॉरेस्ट का उद्घाटन किया था. कच्छ में भी 2001 के भूकंप में मारे गए लोगों की याद में मियावाकी पद्धति से स्मृति वन बनाया गया है. कच्छ जैसी जगह पर इसका सफल होना ये बताता है कि मुश्किल से मुश्किल प्राकृतिक परिवेश में भी ये तकनीक कितनी प्रभावी है.


पीएम मोदी ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के लोगों ने एक कमाल कर दिखाया है. बारामूला में खेती-बाड़ी तो काफी समय से होती है, लेकिन यहां दूध की कमी रहती थी. बारामूला के लोगों ने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया. बारामूला की Dairy Industry इस बात की गवाह है कि हमारे देश का हर हिस्सा कितनी संभावनाओं से भरा हुआ है. किसी क्षेत्र के लोगों की सामूहिक इच्छाशक्ति कोई भी लक्ष्य प्राप्त करके दिखा सकती है. इसी महीने खेल जगत से भारत के लिए कई बड़ी खुशखबरी आई हैं.


प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों, International आयोजनों में देश की इस सफलता के पीछे राष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत होती है. आज, देश के अलग-अलग राज्यों में एक नए उत्साह के साथ खेलों के आयोजन होते हैं. इस वर्ष योग दिवस की थीम है– Yoga For Vasudhaiva Kutumbakam यानी ‘एक विश्व-एक परिवार’ के रूप में सबके कल्याण के लिए योग. यह योग की उस भावना को व्यक्त करता है, जो सबको जोड़ने वाली और साथ लेकर चलने वाली है.


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