Jaya Bachchan ने राज्य सभा में उठाया Manual scavenging का मुद्दा, बोलीं- यह देश के लिए शर्म की बात
उच्च सदन में शून्यकाल में समाजवादी पार्टी की जया बच्चन ने हाथ से मैला ढोने और कचरा साफ करने की कुप्रथा का मुद्दा उठाया और कहा कि यह मामला कई बार संसद में उठा लेकिन आज भी उनकी परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है.
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने राज्य सभा (Rajya Sabha) में शून्यकाल के दौरान मंगलवार को हाथ से मैला ढोने और कचरा साफ करने का मुद्दा उठाया. जया बच्चन ने कहा कि मैला ढोने वालों या उनकी मौत पर सदन में चर्चा करनी पड़ रही है, यह पूरे देश के लिए शर्म की बात है
सफाईकर्मियों को सुरक्षा क्यों नहीं दे पाए?
जया बच्चन ने कहा, ‘क्यों हम अभी तक उन्हें सुरक्षा नहीं दे पाए हैं? विकास के दावे होते हैं, चांद और मंगल पर पहुंचने की बात होती है लेकिन यह प्रथा अभी तक यह समाप्त नहीं हो सकी है.’
सांसद जया बच्चन ने कहा कि सरकार को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. सिर्फ नारेबाजी से काम नहीं चलेगा. काम करने से होगा. जया बच्चन ने कहा कि रेलवे में ऐसी ही समस्या है. रेल मंत्रालय को इस पर ध्यान देना चाहिए.
संबलपुर रेलवे स्टेशन को बंद करने का मुद्दा
राज्यसभा में मंगलवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने हाथ से मैला ढोने और कचरा साफ करने की कुप्रथा, ओडिशा के संबलपुर रेलवे स्टेशन को बंद करने, कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को किसान की मान्यता देने और कोविड-19 से संबंधित जैव चिकित्सकीय कचरों के प्रबंधन का मामला उठाया गया और इनके समाधान के लिए समुचित कार्रवाई की मांग की गई.
बीजू जनता दल के प्रसन्ना आचार्य ने संबलपुर रेलवे स्टेशन को बंद करने के रेल मंत्रालय के फैसले का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि ठीक सौ साल पहले राष्ट्रपति महात्मा गांधी ने ओडिशा का पहली बार दौरा किया था और उस समय वह संबलपुर रोड स्टेशन पर ही उतरे थे और वहां एक जनसभा को भी संबोधित किया था.
उन्होंने कहा, ‘रेलवे ने अब इस स्टेशन को बंद करने का फैसला किया है. इसके खिलाफ स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.’ उन्होंने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया.
कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं का मुद्दा भी उठा
बीजू जनता दल के ही अमर पटनायक ने कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं का मुद्दा उठाया और किसान की मान्यता देने की मांग की. उन्होंने कहा कि किसानों की सरकारी परिभाषा में ऐसी महिलाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए और किसानों को मिलने वाली सभी सुविधाएं भी उन्हें मुहैया कराई जानी चाहिए. कांग्रेस के राजीव सातव ने बंबई उच्च न्यायालय का नाम मुंबई उच्च न्यायालय किए जाने की मांग उठाई.
उन्होंने कहा, ‘यह मांग बहुत समय से लंबित है. सरकार के पास इस संबंध में एक प्रस्ताव भी लंबित है. इस मामले पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए.’
जैव चिकित्सकीय कचरों के प्रबंधन का मामला
कांग्रेस की ही अमी याज्ञिक ने कोविड-19 महामारी से संबंधित जैव चिकित्सकीय कचरों के प्रबंधन का मामला उठाया और इसके निष्पादन की उचित प्रक्रिया विकसित करने की मांग की ताकि समाज को इसके खतरे से बचाया जा सके. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी इसे गंभीर मामला बताया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को इस सिलसिले में सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी करने का सुझाव दिया.