नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के कोबरा कमांडर राकेश्वर सिंह (Rakeshwar Singh) को नक्सलवादियों ने गुरुवार को रिहा कर दिया है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) में 3 अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद से ही वे नक्सलियों के कब्जे में थे.


6 दिन बाद जवान की रिहाई


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नक्सलियों ने 6 दिन बाद सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय मध्यस्ता टीम के सदस्य पद्मश्री धर्मपाल सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया समेत सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में कोबरा जवान को रिहा किया है. जवान की रिहाई के लिए मध्यस्ता कराने गई टीम अब जवान को लेकर बासागुड़ा स्थित सीआरपीएफ कैंप लौट रही है.



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परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं


रिहाई की खबर से जवान के परिवार में खुशी का माहौल है. उनकी पत्नी मीनू मन्हास ने बताया, 'मैं भगवान, केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार का, मीडिया और सेना का धन्यवाद करती हूं. आज मेरी जिंदगी में सबसे खुशी का दिन है.' वहीं जवान की मां कुत्नी देवी ने कहा, 'हम बहुत ज्यादा खुश हैं. जो हमारे बेटे को छोड़ रहे हैं उनका भी धन्यवाद करती हूं. जब सरकार की बात हो रही थी तो मुझे थोड़ा भरोसा तो था परन्तु विश्वास नहीं हो रहा था.'


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नक्सली हमले में 22 जवान हुए थे शहीद


गौरतलब है कि 3 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबल के जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें 22 जवान शहीद हो गए और 31 जवान घायल हुए थे. इसके साथ ही 1 जवान राकेश्वर सिंह मनहास लापता हो गए थे. इसके बाद नक्सलियों ने एक स्थानीय पत्रकार को फोन कर कहा, 'एक जवान उनकी गिरफ्त में है. उसे गोली लगी है. हम उसे मेडिकल ट्रीटमेंट दे रहे हैं.' हालांकि अब जवान को रिहा करा लिया गया है.


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