नई दिल्ली/मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने 'सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा' श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव को दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है. मराठा समुदाय को नौकरी और शिक्षा में 16 फीसदी आरक्षण देने पर सहमत हो गई है. फडणवीस सरकार ने गुरुवार (29 नवंबर) को विधानसभा में मराठा आरक्षण का बिल पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. मराठा समुदाय को ये आरक्षण एसईबीसी के तहत दिया जाएगा. विधानपरिषद में भी बिल पास हो गया है. अब जल्द ही ये कानून का रूप ले लेगा. 


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आरक्षण बिल पास होने के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि हमने मराठा आरक्षण के लिए प्रक्रिया पूरी कर ली है और हम आज विधेयक लाए हैं. उन्होंने कहा कि सामाजिक प्रश्न को हल करने के लिए सभी लोग एक साथ आए है, इसके लिए मैं सभी का आभारी हूं. उन्होंने कहा, हालांकि धनगर आरक्षण पर रिपोर्ट पूरी नहीं हो पाई है. इसके लिए एक उप समिति का गठन किया गया है. जल्द ही एक रिपोर्ट और एटीआर विधानसभा में पेश की जाएगी.


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आपको बता दें कि महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में मराठा समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर कई बड़े मोर्चे निकाले थे. मराठा समुदाय द्वारा लगातार हो रही मांग को लेकर सरकार दबाव में थे. आरक्षण को लेकर पूरे महाराष्ट्र में कई बार कई मोर्चे, बिना किसी उपद्रव के निकाले गए थे.


एसबीसीसी ने मराठा समुदाय को 'सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा' करार दिया है. मुख्यमंत्री ने एक दिसंबर को मराठा आरक्षण लागू करने का संकेत दिया था. आपको बता दें कि महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार (28 नवंबर) को कहा कि मराठा आरक्षण के लिए प्रावधानों वाले विधेयक को पास करने के लिए अगर जरूरत हुई, तो महाराष्ट्र विधानमंडल के सत्र को बढ़ाया जा सकता है. वर्तमान कार्यक्रम के मुताबिक 19 नवंबर को मुंबई में शुरू हुआ शीतकालीन सत्र 30 नवंबर को समाप्त होगा.