समुद्री दुश्मन की अब नहीं खैर, INS वागीर 23 जनवरी को भारतीय नौसेना में होगी शामिल
INS Vagir: यह पांचवीं डीजल इलेक्ट्रिक स्कॉर्पीन पनडुब्बी है. इस साल के अंत तक ऐसी छठी और अंतिम पनडुब्बी नौसेना को मिल जाएगी. इन पनडुब्बियों का निर्माण, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई द्वारा मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से किया जा रहा है.
Indian Navy: भारतीय नौसेना की शक्ति में और बढ़ोतरी होने जा रही है. इंडियन नेवी 23 जनवरी 2023 को कलवारी श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी आईएनएस वागीर के परिचालन की शुरुआत (कमीशन) करेगी. यह पांचवीं डीजल इलेक्ट्रिक स्कॉर्पीन पनडुब्बी है. इस साल के अंत तक ऐसी छठी और अंतिम पनडुब्बी नौसेना को मिल जाएगी.
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि भारत में इन पनडुब्बियों का निर्माण, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई द्वारा मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से किया जा रहा है. मैसर्स एमडीएल ने 20 दिसंबर 22 को इस पनडुब्बी को भारतीय नौसेना के सुपुर्द किया था.
पुरानी वागीर ने तीन दशकों तक रही सेवा में
अधिकारियों ने बताया कि पिछली वागीर पनडुब्बी ने भारतीय नौसेना में करीब तीन दशकों तक सेवा दी जिसके बाद बाद 07 जनवरी 2001 को इसे सेवामुक्त किया गया. पुरानी वागीर को 01 नवंबर 1973 को ‘कमीशन’ किया गया था और इसने निवारक गश्त सहित कई परिचालन मिशन संचालित किए.
कैसा है वागीर का नया अवतार
-12 नवंबर 20 को लॉन्च की गई नई ‘वागीर’ पनडुब्बी को अब तक की सभी स्वदेशी निर्मित पनडुब्बियों में सबसे कम निर्माण समय में पूरा होने का गौरव प्राप्त है.
-समुद्री परीक्षणों की शुरुआत करते हुए इसने 22 फरवरी को अपनी पहली समुद्री यात्रा की.
-कमीशन से पहले यह व्यापक स्वीकृति जांच और सख्त व चुनौती वाले समुद्री परीक्षणों की एक श्रृंखला से गुजरी है.
(इनपुट - भाषा)
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की जरूरत नहीं