मैरिज सर्टिफिकेट के बिना नहीं होगे आपके कई काम, ऐसे करा सकते हैं शादी का रजिस्ट्रेशन
Marriage Certificate: ज्वाइंट बैंक अकाउंट खुलवाने से लेकर पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने तक ऐसे कई काम जिसमें बिना मैरिज सर्टिफिकेट के दिक्कत आएगी. इसलिए मैरिज का रिजस्ट्रेशन जरूर कराना चाहिए.
Marriage Registration: शादी का रजिस्ट्रेशन कराना और प्रमाणपत्र प्राप्त करना वर और वधू, दोनों के हित में है. यह कई मौको पर काम आता है. मैरिज सर्टिफिकेट आपकी शादी को कानूनी मान्यता देता है. यह सभी धर्म की शादियों के लिए अनिवार्य है. आज हम आपको बताते हैं कि मैरिज सर्टिफिकेट कैसे बनाया जाता है.
मैरिज सर्टिफेकट बनवाने की प्रक्रिया
-कोविड-19 की वजह से शादी का प्रमाणपत्र बनवान की सुविधा ऑनलाइन कर दी गई है.
-प्रमाणपत्र के लिए अप्लाई करने के लिए पति-पत्नि को कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा कराने होते हैं.
-पति-पत्नी का अलग-अलग पासपोर्ट साइज़ का फोटो, विवाह की फोटोग्राफ, पति-पत्नी का आईडी प्रूफ, दोनों के जन्म तिथि को सत्यापित करने के लिए दस्तावेज़ (जन्म प्रमाणपत्र / ड्राइविंग लाइसेंस / आधार कार्ड / अंकसूची), वर-वधू का शपथपत्र, पहले और दूसरे गवाह के पते के आईडी प्रूफ़, शादी के कार्ड की फोटोकॉप- जैसे दस्तावेज शामिल हैं.
-जिन गांवों में यह सुविधा नहीं है वहां पति-पत्नी को ग्राम अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करने होते हैं.
इन कामों के लिए जरूरी है मैरिज सर्टिफिकेट:
-ज्वाइंट बैंक अकाउंट खुलवाना, पासपोर्ट के लिए अप्लाई करना, बीमा कराना, दंंपति ट्रैवल वीज़ा या किसी देश में स्थाई निवास के लिए आवेदन करना, किसी नेशनल बैंक से लोन लेना.
-शादी के बाद अगर महिला शादी के बाद सरनेम नहीं बदलना चाहती, तो ऐसे में मैरिज सर्टिफिकेट बहुत जरूरी है. बिना इसके सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा.
-पति-पत्नी के बीच कानूनी विवादों की स्थिति में मैरिज सर्टिफिकेट बहुत जरूरी दस्तावेज बन जाता है. जैसे कि तलाक के लिए अपील करते वक्त, या दंपती में से कोई एक शादी के बाद धोखा देकर भाग जाए तो पुलिस में रिपोर्ट करते वक्त विवाह प्रमाणपत्र की जरुरत पड़ेगी.
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