Chandrashekhar Harbola Siachen: साल 1984 में सियाचिन (Siachen) में शहीद हुए 19 कुमाऊं रेजीमेंट (19 Kumaon Regiment) के जवान चंद्रशेखर हर्बोला (Chandrashekhar Harbola) का पार्थिव शरीर 38 साल बाद उत्तराखंड के हल्द्वानी में उनके घर पहुंचेगा. जानकारी के मुताबिक, सियाचिन में आए बर्फीले तूफान की चपेट में 19 लोग आ गए थे. फिर सर्च ऑपरेशन के दौरान 14 जवानों के शव को बरामद कर लिया गया था, 5 लोगों का पार्थिव शरीर नहीं मिला था. इसमें शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का नाम भी शामिल था. शहीद के घर वालों को भी साल 1984 में यह सूचना दे दी गई थी कि उनका पार्थिव शरीर नहीं मिला है. वो बर्फीले तूफान (Snow Storm) की चपेट में आकर शहीद हो गए हैं, लेकिन वक्त का फेर ऐसा बदला कि अब 38 साल बाद शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचेगा.


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ऑपरेशन मेघदूत के दौरान शहीद हुए थे लांस नायक


बता दें कि 19 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला 29 मई 1984 को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान शहीद हो गए थे. बताया जाता है कि उस बर्फीले तूफान में ऑपरेशन मेघदूत (Operation Meghdoot) के 19 लोग दबे थे जिनमें से 14 जवानों का पार्थिव शरीर बरामद कर लिया गया था.


सर्च ऑपरेशन में नहीं मिला था 5 जवानों का पार्थिव शरीर


हालांकि, सर्च ऑपरेशन के दौरान पांच जवानों का पार्थिव शरीर नहीं मिल पाया था, जिसके बाद सेना ने शहीद चंद्रशेखर हर्बोला के घर में यह खबर दे दी थी कि चंद्रशेखर बर्फीले तूफान के कारण शहीद हो गए हैं.


पुरानी धुंधली यादें हो गईं ताजा


गौरतलब है कि शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला के परिजनों को जब उनके पार्थिव शरीर के मिलने की खबर मिली तो पुरानी धुंधली यादें ताजा हो गईं. उनको परिवार के सदस्य के जाने का दुख भी है और देश की सेवा करते हुए चंद्रशेखर हर्बोला ने अपने प्राणों का बलिदान किया, इसका गर्व भी है.


जान लें कि शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर आज यानी 15 अगस्त को उनके घर पहुंचेगा. राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.


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