MBBS कोर्स में बड़ा बदलाव, स्टूडेंट गांव को लेंगे गोद; `चरक शपथ` भी होगी जरूरी
Family Adaptation Program In MBBS Course: एमबीबीएस के कोर्स में बड़ा बदलाव किया गया है. मेडिकल स्टूडेंट्स को गांव को गोद लेना होगा. इसके अलावा स्टूडेंट्स को महर्षि चरक की शपथ भी दिलाई जाएगी.
नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने अंडर ग्रेजुएट मेडिकल प्रोग्राम में योग्यता आधारित मेडिकल एजुकेशन के इम्लिमेंटेशन के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कोर्स की शुरुआत में स्टूडेंट्स के लिए महर्षि चरक शपथ की सिफारिश की गई है. इसमें ये भी कहा गया है कि MBBS स्टूडेंट्स को गांव को गोद लेना होगा.
स्टूडेंट्स को दिलाई जाएगी 'चरक शपथ'
एनएमसी के सर्कुलर के मुताबिक, जब मेडिकल एजुकेशन की शुरुआत कराई जाएगी तब महर्षि चरक शपथ दिलाई जाएगी. MBBS के लिए नई योग्यता आधारित मेडिकल एजुकेशन का उद्देश्य तीन क्षेत्रों संज्ञानात्मक (Cognitive), प्रभावशाली (Affective) और मनोप्रेरणा (Psychomotor) को कवर करना है.
ये भी पढ़ें- योगी सरकार ने दी युवाओं को खास सौगात, 100 दिन में इतने लोगों को मिलेगी सरकारी जॉब
नए सिलेबस को लागू करने का दिया गया निर्देश
अगस्त 2019 में पेश किया गया नया सिलेबस मेडिकल स्टूडेंट्स को एक मजबूत आधार और समग्र पहलू के लिए संतुलित दृष्टिकोण देगा. इसमें फाउंडेशन कोर्स की शुरुआत की गई है, जिसमें Family Adoption Program, योग, ध्यान और लोकल भाषा को सीखना शामिल है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मेडिकल कॉलेजों को नए सिलेबस को लागू करने का निर्देश दिया गया है.
MBBS स्टूडेंट गोद लेंगे गांव
गुरुवार को जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि MBBS स्टूडेंट्स को एक गांव गोद लेना होगा. सर्कुलर के मुताबिक, उसी गांव को गोद लिया जा सकता है जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre) ना हो.
ये भी पढ़ें- जल्द 'हिंदू राष्ट्र' घोषित होगा ये देश! वरिष्ठ मंत्री ने किया जनमत संग्रह का समर्थन
नए सिलेबस पर रिएक्शन देते हुए FAIMA डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर रोहन कृष्णन ने कहा कि सिलेबस की संरचना में ज्यादा बदलाव नहीं है. फील्ड विजिट के बारे में पहले तीसरे वर्ष में प्रशिक्षित किया जाता था अब ये पहले साल में ही होगा.
(इनपुट- आईएएनएस)
LIVE TV