आखिर कौन हैं मिहीर मेटकर? कोरोना वैक्सीन बनाने को लेकर जिनकी दुनियाभर में हो रही चर्चा
अमेरिका की दवा बनाने वाली कंपनी मॉडर्ना ने अपनी वैक्सीन के लिए जो पेटेंट फाइल किया है उसमें मिहिर मेतकर का नाम प्राइमरी कंट्रीब्यूट के तौर पर लिखा है यानी इस वैक्सीन को तैयार करने में भारतीय मूल के मिहीर ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई है.
नई दिल्ली: आज हम आपको ऐसी दो कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका संबंध भारत से है और जिनके बारे में पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. इनमें से पहला नाम है मिहिर मेटकर का. अमेरिका की मॉडर्ना कंपनी द्वारा कोरोना की जो वैक्सीन बनाई गई है उसे तैयार करने का श्रेय मिहिर को ही दिया गया है. मॉडर्ना ने अपनी वैक्सीन के लिए जो पेटेंट फाइल किया है उसमें मिहिर मेतकर का नाम प्राइमरी कंट्रीब्यूट के तौर पर लिखा है यानी इस वैक्सीन को तैयार करने में सबसे बड़ी भूमिका मिहिर की ही है.
मॉडर्ना की ये वैक्सीन सिर्फ 5 महीने में बनकर तैयार हो गई थी और इसे तैयार करने वाले मिहिर मेटकर का भारत से बहुत गहरा रिश्ता है. महिर ने पुणे की सावित्रि बाई फुले यूनिवर्सिटी से MSC की डिग्री हासिल की. उन्होंने कुछ समय के लिए पुणे के ही Indian Institute of Science Education and Research के लिए भी काम किया था. इसके बाद वो अमेरिका चले गए और 2018 में वो मॉडर्ना कंपनी के लिए काम करने लगे. लेकिन तब शायद उन्हें इस बात का अहसास भी नहीं रहा होगा कि 2 वर्षों के अंदर ही उनके सामने दुनिया को इस सदी की सबसे बड़ी महामारी से बचाने की चुनौती होगी. लेकिन उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और WHO द्वारा कोरोना को महामारी घोषित करने के 5 महीनों के अंदर ही उन्होंने इसकी वैक्सीन तैयार कर ली.
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भारत को गर्व महसूस कराने वाला दूसरा नाम है अमेरिकी एस्ट्रोनॉट राजा चारि का. राजा चारि भारतीय मूल के हैं, उनके पिता तेलंगाना के रहने वाले थे जो कई वर्ष पहले अमेरिका में बस गए थे. राजा चारि मशहूर उद्योगपति एलन मस्क की स्पेस कंपनी SpaceX के अंतरिक्ष यान से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा कर रहे हैं , उनके स्पेश शिप ने गुरुवार सुबह भारतीय समय के अनुसार साढ़े सात बजे उड़ान भरी और वो 22 घंटे की यात्रा के बाद पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर मौजूद अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंच गए. राजा चारि इस मिशन के कमांडर भी हैं, उनके साथ तीन और अंतरिक्ष यात्री इस मिशन पर गए हैं और ये सभी लोग इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 6 महीने बिताएंगे.
44 साल के राजा चारि राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले भारतीय मूल के दूसरे पुरुष अंतरिक्ष यात्री हैं. राकेश शर्मा वर्ष 1984 में रूस के स्पेस शिप के जरिए अंतरिक्ष में गए थे. राजा चारि अमेरिकी वायुसेना में पायलट रह चुके हैं और इराक युद्ध में भी हिस्सा ले चुके हैं. 48 साल बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब अमेरिकी वायुसेना का कोई पायलट NASA के किसी स्पेस मिशन का नेतृत्व कर रहा है.
कुल मिलाकर अब तक 5 भारतीय अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके हैं. इनमें राकेश शर्मा, कल्पना चावला, सुनीता विलियस्म, शिरिशा बंदला और राजा चारि शामिल हैं.