Mehbooba Mufti: पिछले दिनों पाकिस्तान की अंतरिम सरकार ने यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक को पाकिस्तान में मंत्री का दर्जा दिया है. इसको लेकर भारत में भी प्रतिक्रियाओं का दौर देखने को मिला है. इसी कड़ी में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जहर उगलने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से सीखना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा-आरएसएस शासन के लिए कुछ सीखने की बात है कि पाकिस्तान उन लोगों को पुरस्कृत कर रहा है जो पाकिस्तान की नजर से सोचते हैं और जम्मू-कश्मीर पर अपने विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं.


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दरअसल, महबूबा मुफ्ती का कहना है कि पाकिस्तान की अंतरिम सरकार में मुशाल मलिक के नॉमिनेशन से भाजपा सरकार को सबक लेना चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य से हमारी सरकार उन लोगों को दंडित कर रही है जो भारत के साथ खड़े रहे और भारत के विचार का प्रचार किया जम्मू और कश्मीर में किया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'शेख मुहम्मद अब्दुल्ला साहब एक उदाहरण हैं जिनको भाजपा इतिहास से मिटाना चाहती है. मुफ्ती साहब के बारे में भी इससे कम कुछ नहीं कहा जा सकता, जो भारत के विचार को इतना प्रिय मानते थे.'


महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा, 'मैं मिशाल मलिक की वकील नहीं हूं, लेकिन वह कोई आतंकवादी या आतंक की आरोपी भी नहीं है. लेकिन भाजपा में हमारे पास साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जैसे आतंक के आरोपी लोग हैं जो खुले आम मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करते हैं और भाजपा ऐसे लोगों को पुरस्कृत कर रही है.' वहीं चीनी घुसपैठ पर राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'राहुल गांधी का दावा है कि चीन ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है, यह क्षेत्र के स्थानीय लोगों द्वारा किया गया दावा था.'


उन्होंने कहा, 'चीन ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया है और चारागाह भूमि को लद्दाख के लोगों के लिए सीमा से बाहर कर दिया गया है. चीन ने इस चारागाह भूमि के 1000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर लिया है. यह राहुल गांधी नहीं कह रहे हैं बल्कि लद्दाख के लोग दावा कर रहे हैं. इतने सारे दौर की बात चीत चली चीन को पीछे धकेलने के लिए अब तक मगर विफल रही है.'


साथ ही महबूबा मुफ्ती ने भारतीय मुस्लिमों पर गुलाम नबी आजाद के हलिया बयान को बेहद अफसोसजनक बताया है और कहा है कि यह देश के मुसलमानों के खिलाफ आरएसएस बीजेपी की विचारधारा और कथा को प्रतिबिंबित करता है. बता दें कि आजाद ने कहा था कि भारत में सभी मुसलमान असली हिंदू हैं, जिन्होंने कुछ समय पहले ही इस्लाम अपनाया है. इस पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आज़ाद की टिप्पणियां 'खतरनाक और विभाजन कारी' हैं और वे आरएसएस, भाजपा और जनसंघ की भाषा से मिलती जुलती हैं.


उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां 'देश में मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार और हिंसा में प्रकट होती हैं' जैसा कि उत्तर प्रदेश की हालिया घटना से पता चलता है जहां एक हिंदू लड़की से शादी करने वाले मुस्लिम लड़के के माता-पिता को लिंच गया था. मुफ्ती ने कहा कि भारत में मुसलमान इसी मानसिकता के कारण 'असुरक्षित' हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार मुसलमानों के घर चुन-चुनकर गिराने में व्यस्त है.