नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर से देश में हाहाकार है. हालात कितने खराब हैं इसकी बानगी का अंदाजा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के उस बयान से लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने कोरोना की विकट स्थिति पर चिंता जताई है. देश के इन हालातों के बीच किसी अस्पताल में बेड नहीं है तो कहीं आक्सीजन की दिक्कत है. कोविड-19 (Covid-19) मरीजों की संजीवनी माना जा रहा रेमडेसिवीर इंजेक्शन हो या कोई और जरूरत लोग परेशान हैं. क्या आम और क्या खास कोरोना ने सभी को परेशान कर रखा है. 


केंद्रीय मंत्री ने भाई के लिए लगाई थी गुहार!


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'हालात ये हैं कि न रुपया काम आ रहा है न पहचान काम आ रही है, इसलिए जबतक बेहद जरूरी न हो घर से बाहर न निकलें जैसे संदेश सच साबित हो रहे हैं. हालिया बानगी की बात करें तो केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (Genral V K Singh) ने ट्विटर के जरिए अपने कोरोना संक्रमित भाई को अस्पताल में बेड की दिलाने से संबंधित ट्वीट किया था. उन्होंने ट्वीट में गाजियाबाद डीएम, सीएम योगी के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी, नोएडा के विधायक पंकज सिंह को टैग किया था.


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क्या था मामला? 


केंद्रीय मंत्री  जनरल वीके सिंह ने ट्विटर के जरिए कोरोना कोरोना संक्रमित एक शख्स की मदद के लिए गुहार लगाई थी. उनके ट्वीट से खबर फैली कि वो प्रशासन से अपने भाई के लिए बेड मुहैया करवाने की अपील कर रहे हैं. हालांकि बाद में उन्होंने इसपर स्पष्टीकरण दिया कि उन्होंने अपने भाई के लिए नहीं बल्कि किसी और के लिए यह ट्वीट किया था.


वीके सिंह ने दी सफाई


अपनी सफाई में जनरल वीके सिंह ने कहा, 'मैंने यह ट्वीट के जरिए यह अनुरोध इसलिए किया था ताकि जिला प्रशासन पीड़ित शख्स तक पहुंच सके और उसे वो मेडिकल मदद मिल सके जिसकी उसके भाई को जरूरत थी. वो मेरा भाई नहीं है, हमारा खून का रिश्ता नहीं है लेकिन हमारा मानवता का रिश्ता जरूर है. मुझे लगता है कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आया.'



इसेस पहले वीके सिंह ने ट्वीट कर कहा था, '@dm_ghaziabad Please check this out प्लीज हमारी हेल्प करें


ट्वीट से हुई गलतफहमी


केंद्रीय मंत्री के इस ट्वीट से हुई गलतफहमी से जिला प्रशासन से लेकर आम आदमी को लगा कि केंद्रीय मंत्री के भाई को ही बेड नहीं मिल पा रहा है वहीं यूपी के गाजियाबाद में बेड की बड़ी समस्या है.


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