`सुसाइड फैक्ट्री` कोटा से एक और बुरी खबर, नाबालिग छात्रा ने खाया सल्फास..अस्पताल में हुई मौत
Suicide: कोटा से छात्रों के सुसाइड का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. इसी कड़ी में यूपी के मऊ की रहने वाली एक नाबालिग छात्रा ने सुसाइड कर लिया है. इसके बाद तुरंत छात्रा को अस्पताल में ले जाया गया लेकिन वहां उसकी मौत हो गई.
Minor Committed Suicide: राजस्थान के कोटा से एक और बुरी खबर आई है. कोटा में कोचिंग पढ़ने वाली एक छात्रा ने की खुदकुशी कर ली है. जहरीला पदार्थ के सेवन से उस छात्रा की मौत हुई है. मृतका यूपी के मऊ की रहने वाली थी. वह छात्रा नीट की तैयारी कर रही थी. फिलहाल विज्ञान नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची है और जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि तुरंत छात्रा को अस्पताल में ले जाया गया. जहां उसका इलाज चल रहा था, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई.
दरअसल, कोटा से छात्रों के सुसाइड का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. इसी कड़ी में यूपी के मऊ की रहने वाली एक नाबालिग छात्रा ने सुसाइड कर लिया है. 17 साल की यह लड़की कोटा में वह करीब डेढ़ साल से रहकर नीट की तैयारी कर रही थी. सोमवार सुबह वह कोचिंग गई थी. बताया जा रहा है कि वहीं उसने सल्फास खा लिया था. दोपहर में करीब 3 बजे कोचिंग से बाहर निकलते समय उसने उल्टियां करनी शुरू की, तबियत ज्यादा बिगड़ी तो अन्य छात्रों ने कोचिंग स्टाफ को सूचना दी, इसके बाद तुरंत छात्रा को अस्पताल में ले जाया गया, जहां शाम को उसकी मौत हो गई.
फिलहाल विज्ञान नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची है और जांच कर रही है. छात्रा के परिजनों को सूचना दी गई है. वह छात्रा नीट की तैयारी कर रही थी. इस साल में आत्महत्या की यह 26वीं घटना है. अभी पिछले सप्ताह रांची से कोटा नीट तैयारी करने आई 16 वर्षीय छात्रा ने फंदे से लटककर सुसाइड कर लिया था. तमाम कोशिशों के बावजूद भी सुसाइड के मामले थम नहीं रहे हैं. पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक 2022 में 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी. वहीं 2019 में 18 छात्रों ने, 2018 में 20, 2017 में 7, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्राओं ने आत्महत्या की थी.
कोरोना के दौरान यानी 2020 से 2021 के बीच कोई भी सुसाइड नोट नहीं की गई थी. वहीं कोटा में आत्महत्याओं की घटनाओं के मद्देनजर, जिला प्रशासन ने पहले एक आदेश जारी किया था जिसमें सभी हॉस्टल के कमरों और पेइंग गेस्ट हाउस में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने को जरूरी किया गया था. हालांकि काफी लोगों ने इसे परमानेन्ट समाधान नहीं माना था. इसी बीच घटनाएं लगातार आ रही हैं.