2024 Lok Sabha Elections: 2024 लोकसभा चुनाव में एक साल से कम का वक्त बचा है. काफी लंबे समय से राजनीतिक गलियारे में चर्चा चल रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं. गुरुवार को इस चर्चा को बल भी मिला जब किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटा दिया गया. उनकी जगह बीकानेर के सांसद अर्जुन मेघवाल को जिम्मेदारी सौंपी गई. ऐसे में अब ये सवाल उठता है कि क्या मंत्रिमंडल में विस्तार की अटकलों को विराम लग गया है. 


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इस साल पांच राज्यों में चुनाव होने हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम इस लिस्ट में हैं. इन सभी राज्यों के किसी न किसी सांसद को मंत्रिमंडल में रखा गया है. मध्य प्रदेश से पांच, राजस्थान से चार, तेलंगाना से एक और छत्तीसगढ़ से एक मंत्री मोदी सरकार में हैं. मध्य प्रदेश के नरेंद्र सिंह तोमर, वीरेंद्र सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी कैबिनेट में शामिल हैं. वहीं प्रह्लाद पटेल राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और फग्गन सिंह कुलस्ते राज्य मंत्री हैं.


तेलंगाना से जी किशन रेड्डी कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे. छत्तीसगढ़ से रेणुका सिंह सरुता राज्य मंत्री हैं. राजस्थान से दो कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत हैं, जबकि अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी राज्य मंत्री थे. राजस्थान में चुनाव को देखते हुए अर्जुन राम मेघवाल का प्रमोशन हो गया. उन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाते हुए कानून तथा न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.


माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव और 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले ये आखिरी फेरबदल है. पीएम मोदी अपने मंत्रिमंडल में ज्यादा फेरबदल  नहीं करते हैं. वह जाने भी इसी के लिए जाते हैं. 


2024 के लिए सिंपल है बीजेपी का प्लान


2024 के लिए बीजेपी की रणनीति और गेम प्लान बहुत सरल है. 2019 में जो नतीजे थे उसे और बेहतर करना है. बीजेपी उन राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती है, जहां उसका या तो खाता नहीं खुला या बेहतर करना चाहती है. जैसे तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा.  इसके लिए उसे संगठन के मजबूत और अनुभवी लोगों की जरूरत होगी. 


2012 में डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी टीम का आखिरी बड़ा फेरबदल किया था, जिसमें 22 मंत्रियों को शामिल किया गया. कांग्रेस को उम्मीद थी कि यह उसकी डूबती किस्मत को सहारा देगा और नाराज नेताओं को भी शांत करेगा. लेकिन हुआ कांग्रेस की उम्मीद के विपरीत. उसे 2014 के चुनावों में करारी हार मिली. 


इसीलिए पीएम मोदी अगर अब फेरबदल करते भी हैं तो उसका क्या कोई संदेश होगा. किसी भी नेता को टीम मोदी का हिस्सा बनने के लिए प्रदर्शन करना होगा. इसकी बहुत कम संभावना है कि शीर्ष कोर टीम को छुआ जाएगा, लेकिन 2024 के लिए सामाजिक क्षेत्र कल्याण, महिलाओं और युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, यह काफी संभावना है कि फेरबदल के मामले में, इन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा. एक धारणा ये भी है कि फेरबदल का शायद ही कभी लोकसभा और राज्य चुनावों के नतीजों पर असर पड़ता है, लेकिन सही जगह पर सही लोगों को बैठाना सुनिश्चित करता है कि पीएम मोदी जो संदेश देना चाहते हैं वह सभी तक पहुंचे. 


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