Mohan Bhagwat in Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम उठाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमारा हमारा उदय इतिहास से पहले का है. इतिहास की जब आंख खुली तो उसने हमें देखा. हमारा देश हिंदू राष्ट्र है... ये आज से नहीं, बहुत पहले से है. संघ प्रमुख ने चीन से जंग का जिक्र अमेरिका के रवैये के बारे में भी बात की.


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अमेरिका में उड़ा था भारत का मजाक


भागवत ने कहा कि चीन से लड़ाई के दौरान भारत ने अमेरिका से मदद मांगी थी. तब अमेरिका में एक नाटक में इसका मजाक उड़ा गया था. चीन एक सीमा के बाद अंदर आने का प्रयास नहीं किया, नहीं तो जवाब उस वक्त भी मिलता. शास्त्री जी ने जवाब दिया , इंदिरा जी ने जवाब दिया और 2014 में घुस के मारा. खुद करेंगे तो विश्व में सम्मान बढ़ेगा. खुद की शक्ति को पहचानना पड़ेगा. 


सबको रोजगार देना होगा..


उन्होंने कहा कि हमारे यहां प्रचंड जनसंख्या है. सबको रोजगार देना एक बड़ी समस्या है. इसलिए ऐसी टेक्नोलॉजी की जरूरत है जिससे रोजगार के अवसर बढ़ें. अमेरिका की नकल करने से नहीं होगा. भागवत ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कश्मीरी पंडितों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित समय रहते नहीं चेते, जिसका परिणाम उन्हें झेलना पड़ा. दुनिया को कोरोना में पता चल गया कि काढ़ा का क्या महत्व है. योग का मजाक उड़ाते थे, आज सब योगा कर रहे हैं.


भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र


मोहन भागवत ने कहा कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है, बस इसे आपको पहचानना है. उन्होंने कहा कि देश की तरक्की तब होगी, जब हम अपने बल पर कुछ कर के दिखाएंगे. दुनिया में बिखराव को लेकर उन्होंने कहा कि धर्म एक सत्य पर आधारित है की सारा विश्व एक है. अपनापन ही धर्म है. आज दुनिया में जो चल रहा है वो धर्म नहीं है क्योंकि यह अपनापन नहीं है. स्वार्थ के लिए खत्म कर देंगे.. स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करेंगे.. और स्वार्थ खत्म तो मार देंगे, इस वक्त यही दुनिया में चल रहा है. भारत को धर्म के आधार पर खड़ा होना पड़ेगा, तभी हमारा दुनिया को धर्म दे पायेगा और बता पाएगा.