नई दिल्‍ली : लोकसभा में अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा के दौरान शुक्रवार (20 जुलाई) को पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमको तो अपनी बात कहने का मौका मिल रहा है पर देश को यह भी देखने को मिला है कि कैसी नकारात्‍मक राजनीति ने कुछ लोगों को घेर रखा है, कैसे विकास के प्रति विरोध का भाव है. पीएम ने तंज कसा- 'ना मांझी न रहबर, न हक में हवाएं, है बस्‍ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है.' पेश है उनके भाषण के मुख्‍य अंश :


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  1. कइयों के मन में ये प्रश्‍न है कि अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाया क्‍यों गया? ना तो संख्‍या है, न सदन में बहुमत है, फिर भी सदन में इस प्रस्‍ताव को क्‍यों लाया गया. 

  2. अपना कुनबा कहीं बिखर ना जाए कांग्रेस पार्टी को इसकी चिंता है और अविश्‍वास प्रस्‍ताव इसका ही सबूत है.

  3. मैं यहां खड़ा भी हूं और जो 4 साल में काम करें है उस पर अड़ा भी हूं.

  4. भारत ने अपने साथ ही पूरी दुनिया के आर्थिक विकास को गति दी है.
       

  5. देश को विश्वास है, दुनिया को विश्वास है लेकिन जिनको खुद पर विश्वास नहीं है वे हम पर क्या विश्वास करेंगे.

  6. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर कांग्रेस को इतनी शक्ति दें कि वह 2024 में फिरसे अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ सके.

  7. कांग्रेस अगर गाली देना चाहती है तो मोदी गाली सुनने के लिए तैयार है लेकिन कांग्रेस पार्टी देश के लिए मर मिटने वाले जवानों को गाली देना बंद करे.

  8. कांग्रेस पार्टी आज फिर से स्थिर जनादेश को अस्थिर करने के प्रयास कर रही है.
       

  9. आप नामदार हैं और हम कामदार, हम आपकी आंख में आंख डालने की हिम्मत नहीं कर सकते.

  10. हम आपकी तरह सौदागर या ठेकेदार नहीं हैं, हम देश के गरीबों, युवाओं और आकांक्षी जिलों के सपनों के भागीदार हैं.