Monsoon Session: इतिहास में पहली बार सांसदों के लिए बदली गई यह प्रथा
सांसदों को अपनी सीट पर बैठकर बोलने की अनुमति देते हुए, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla) ने कहा, `इस मानसून सत्र में सभी सासंद पहले अपनी सीटों पर बिना खड़े हुए बोलेंगे. ऐसा कोविड -19 महामारी को देखते हुए किया जा रहा है.
नई दिल्ली: लोकसभा (Lok Sabha) के इतिहास में पहली बार, मानसून सत्र (Monsoon-Session) के साथ सोमवार को शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने वाले सांसदों को अपनी सीटों पर बैठकर बोलने की अनुमति दी गई. कोविड-19 (Covid- 19) महामारी के प्रसार को रोकने के लिए इस पहल को अमल में लाया गया. मॉनसून सत्र 1 अक्टूबर तक जारी रहेगा.
बैठकर बोलने की अनुमति
सांसदों को अपनी सीट पर बैठकर बोलने की अनुमति देते हुए, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla) ने कहा, 'इस मानसून सत्र में सभी सासंद पहले अपनी सीटों पर बिना खड़े हुए बोलेंगे. ऐसा कोविड -19 महामारी को देखते हुए किया जा रहा है.' इससे पहले, सभी सांसद संसद में बोलने से पहले खड़े होते थे. यह आसन के प्रति सम्मान दर्शाने का प्रतीक है.
कई लोकसभा सदस्य राज्य सभा में बैठेंगे
इस बीच, स्पीकर ओम बिड़ला ने बताया कि यह इतिहास में पहली बार है जब निचले सदन की कार्यवाही के दौरान कई लोकसभा सदस्य राज्य सभा में बैठेंगे और उच्च सदन की कार्यवाही के दौरान राज्यसभा सदस्यों को लोकसभा में बैठने का मौका मिलेगा. कोविड-19 संकट के बीच असाधारण स्थितियों के कारण यह कदम उठाया गया है.
सांसदों की अधिकतम उपस्थिति
विशेष मानसून सत्र का स्वागत करते हुए, बिड़ला ने सत्र के पहले दिन सांसदों की अधिकतम उपस्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित किए गए हैं और अधिकतम डिजिटलाइजेशन किया गया है. उन्होंने सांसदों से अपनी बात संक्षिप्त रूप से रखने का आग्रह करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही हर दिन केवल चार घंटे के लिए होगी. अध्यक्ष ने कोरोनवायरस या कोविड-19 महामारी द्वारा बनाई गई असाधारण स्थिति के दौरान देश को संदेश देने के लिए सभी सांसदों का समर्थन मांगा. (इनपुट आईएएनएस)
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