समय आ गया है कि लोग घर पर भी Face Mask पहनें: नीति आयोग के सदस्य V.K. Paul
कोरोना को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार वायरस ज्यादा तेजी से फैल रहा है. जिससे लोगों में पैनिक बढ़ गया है, और इसके चलते संसाधनों को मिसयूज होना शुरू हो गया है.
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Covid-19) की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान संयुक्त सचिव ने बताया कि पिछले साल में मुकाबले इस बार कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ये वायरस सिर्फ इंसानों में ही फैलता है, जिसे रोकने के लिए कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर लागू रखना होगा.
इन राज्यों में 1-1 लाख से अधिक एक्टिव केस
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि इस समय देश में 82% कोरोना के मरीज ठीक हो गए हैं. जबकि करीब 16.25% मामले यानी 28,13,658 मामले अभी भी एक्टिव केस की दृष्टि में है, जिसकी निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में एक्टिव केसों की संख्या ज्यादा बनी हुई है, जिसमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु राज्य शामिल हैं. इन राज्यों में अभी 1-1 लाख से अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं.
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हल्के लक्षण दिखने पर तुरंत कराएं कोरोना टेस्ट
अग्रवाल ने आगे कहा कि हम सभी राज्यों से बात कर रहे हैं और हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं जनता से भी अपील करना चाहता हूं अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के हल्के लक्षण भी नजर आते हैं तो बिना देरी कोराना का टेस्ट करा लें और टेस्ट की रिपोर्ट आने तक क्वारंटीन में रहें. ध्यान रहे कि आपके आसपास किसी भी तरीके का भय का माहौल न बनने पाए. कोरोना के बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क आदि का पालन करना बहुत जरूरी है.
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लोगों में है फिजूल का पैनिक: रणदीप गुलेरिया
AIIMS दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'पूरे इंडिया को एक साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ ये लड़ाई लड़नी होगी. अभी लोगों में फिजूल का पैनिक है. इससे बहुत नुक्सान हो रहा है. जिसकी भी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ रही है वो सीधा अस्पताल की तरफ भाग रहा है, और दवाइयां इक्कठा कर रहा है. इतना ही नहीं, ऑक्सीजन का भी मिसयूज किया जा रहा है.
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कोरोना इलाज में ज्यादा प्रभावी नहीं है रेमेडिसिवीर
इस संकट की घड़ी में हमें अस्पताल के संसाधनों को बेहतर इस्तेमाल करना होगा. मैं आज दोबारा ये बात कहना चाहता हूं कि रेमडेसिवीर (Remedesivir) के पीछे न भागें, इसका ज्यादा फायदा नहीं है.. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस ड्रग में कोई फायदा नहीं देखा है. इसके अलावा और भी दवाइयां मार्केट में मौजूद हैं.
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समय आ गया है, अब घर में मास्क लगाने की जरूरत
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल (V.K. Paul) ने कहा कि अब समय आ गया है कि आपको घर में भी मास्क पहनने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के हल्के लक्षण दिखते हैं, लेकिन रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि नहीं होती है, तो भी कुछ समय के लिए क्वारंटीन में रहने की जरूरत है. वहीं अगर घर में कोई पॉजिटिव है तो मानकर चलिए आप भी संक्रमित हैं. इसलिए जरूरी है कि घर पर भी मास्क का उपयोग किया जाए.
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