Trending Photos
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) बीते कुछ सालों से धरती पर नहीं है. एक नई स्टडी में पता चला है कि ये वायरस बहुत पुराना है. कोरोना वायरस पिछले 25 हजार साल से इंसानों को अपना शिकार बना रहा है. स्टडी में खुलासा हुआ है कि कोरोना (Corona) वायरस आज से करीब 25 हजार साल पहले ईस्ट एशिया में कहर ढा चुका है. जानिए 25 हजार साल पहले का कोरना वायरस कैसा था?
कोरोना वायरस (Coronavirus) ने इंसान को बता दिया है कि भले ही बहुत तरक्की हो चुकी है लेकिन वायरस के आगे वह हमेशा कमजोर रहा है. यह स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना में की गई. असिस्टेंट प्रोफेसर एनार्ड ने बताया कि वायरस ने हमेशा से ही इंसानों को उसके स्तर को याद दिलाया है. वायरस ने इंसानों को बीमार किया और उन्हें मार दिया.
प्रोफेसर एनार्ड ने कहा कि इंसानों की तरह वायरस भी पीढ़ी-दर-पीढ़ी नए जीनोम (Genome) के जरिए आगे बढ़ता रहता है. ये प्रक्रिया हर पैथोजेन (Pathogens) में होती है. हर पैथोजेन अपनी पीढ़ियों में बदलाव करता रहता है ताकि वो वातावरण में सर्वाइव कर सके. जान लें कि देर से होने वाले बदलाव को इवोल्यूशन (Evolution) और जल्दी होने वाले बदलाव को म्यूटेशन (Mutation) कहते हैं.
ये भी पढ़ें- अंतरिक्ष में हुआ भयानक विस्फोट, टेलीस्कोप से खींची गईं दुर्लभ फोटो
स्टडी में बताया गया कि रिसर्चर्स की टीम ने 25 हजार साल पुराने कोरोना वायरस को ढूंढने के लिए दुनियाभर की 26 अलग-अलग जगहों के 2,504 लोगों के जीनोम (Genome) की जांच की. तो पता चला कि कोरोना जैसे पैथोजेन (Pathogen) इंसान के DNA में नैचुरल सेलेक्शन (Natural Selection) करके पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ते हैं. गौरतलब है कि यह स्टडी इंसानों के बहुत काम आने वाली है क्योंकि इससे पता चलेगा कि भविष्य में किस प्रकार के वायरस आ सकते हैं. या फिर वह किन लोगों को संक्रमित (Infect) करेगा.
बता दें कि प्रोफेसर एनार्ड की यह स्टडी bioRxiv में छपी है. साइंस जर्नल (Science Journal) में छापने के लिए इसका रिव्यू किया जा रहा है. कोरोना सेल्स (Cells) के जरिए शरीर में एंट्री करता है. यह सेल्स को हाईजैक कर लेता है. इसके बाद वायरस खुद को सेल्स के अंदर तोड़कर नया वायरस बनाता है. कोरोना एक बार में इंसान के शरीर की हजार से भी ज्यादा प्रोटीन से संपर्क करता है.
How did ancient pathogens drive human evolution 25,000 years ago? New research provides a few plausible scenarios... https://t.co/Sg8fE0uomc
— Live Science (@LiveScience) April 25, 2021
साइंटिफिक रिसर्च में पता चला कि कोरोना वायरस ह्यूमन बॉडी के 420 प्रकार के प्रोटीन्स (Proteins) से संपर्क करता है. इनमें से 332 प्रोटीन्स कोरोना वायरस से सीधे संपर्क करते हैं. जब प्रोटीन्स और कोरोना वायरस का संपर्क होने लगे तो समझ लीजिए कि संक्रमण होने वाला है. इंसान के शरीर के प्रोटीन्स को तोड़कर कोरोना वायरस नया वायरस बनाता है.
ये भी पढ़ें- स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स का धमाकेदार स्वागत, लोगों ने कोरोना को लेकर पूछा ये सवाल
जान लें कि ईस्ट एशिया में रहने वाले लोगों में ऐसे जीन्स मिले हैं, जो 25 हजार साल पुराने कोरोना वायरस के संपर्क में आए. इसका सबूत अब भी उनके शरीर में मौजूद है. अब तक कई प्रकार के कोरोना वायरस ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोगों को बीमार किया. इसमें होने वाले म्यूटेशन (Mutation) की वजह से ईस्ट एशिया (East Asia) में लोगों की इम्युनिटी मजबूत हो गई. दरअसल यहां के लोग ज्यादा बार कोरोना संक्रमित हुए तो उनके शरीर में एंटीबॉडी बन गई.
LIVE TV