Ukaraine issue in G 20 Summit: भारत में आयोजित जी 20 सम्मेलन को सफल आयोजन माना जा रहा है. इस मीटिंग में यूक्रेन-रूस युद्ध (Ukraine Russia war) के मुद्दे पर आम सहमति बनाना किसी बड़ी चेतावनी से कम नहीं था लेकिन भारत, चीन, रूस और जी 7 के देशों को समझाने में कामयाब रहा. फ्रांस को इस बात से अधिक आपत्ति थी कि War Against Europe का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया है. बता दें कि ड्राफ्ट में War in Ukraine का इस्तेमाल था. हालांकि कई दौर की बातचीत के बाद विदेश मंत्री रूस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल(Ajit Dobhal) अमेरिका को समझाने में कामयाब हुए. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कई दौर की बातचीत के बाद सहमति


भारत के जी 20 शेरपा अमिताभ कांत (amitabh Kant) ने रविवार को कहा कि यहां ‘लीडर्स समिट’ में अपनाए गए ‘जी20 डिक्लेरेशन’ (g 20 declaration) पर आम सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों के एक दल ने 200 घंटे से भी अधिक समय तक लगातार बातचीत की. संयुक्त सचिव ई गंभीर और के नागराज नायडू समेत राजनयिकों के एक दल ने 300 द्विपक्षीय बैठकें कीं और ‘जी20 लीडर्स समिट’ के पहले दिन ही सर्वसम्मति बनाने के लिए विवादास्पद यूक्रेन संघर्ष पर अपने समकक्षों को 15 मसौदे वितरित किए. कांत ने कहा कि पूरे जी20 शिखर सम्मेलन का सबसे जटिल हिस्सा भूराजनीतिक पैराग्राफ (russia ukraine) पर आम सहमति बनाना था. यह 200 घंटे से अधिक समय तक लगातार बातचीत, 300 द्विपक्षीय बैठकों, 15 मसौदों के साथ किया गया.


इन देशों ने निभाई अहम भूमिका


कांत ने कहा कि इस प्रयास में नायडू और गंभीर ने उनका काफी सहयोग किया. भारत इस विवादित मुद्दे पर जी20 देशों के बीच अभूतपूर्व आम सहमति बनाने में कामयाब रहा और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं जैसे कि ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया ने इसमें अग्रणी भूमिका निभाई. जी 20 लीडर्स डिक्लेरेशन(g 20 leaders declaration) में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का उल्लेख करने से बचा गया और इसके बजाय सभी देशों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुत्ता के सिद्धांतों का सम्मान करने का आह्वान किया गया. घोषणापत्र में कहा गया है कि हम सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता,अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून एवं शांति तथा स्थिरता की रक्षा करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान करते हैं.