Mughal Harem: शादीशुदा महिला का तलाक कराकर किया था निकाह, अकबर की अय्याशी के किस्से!
Akbar Harem Tales: आइन-ए-अकबरी ने अबुल फजल ने लिखा है कि 37 पत्नियों और 5 हजार औरतें इसमें रहा करती थीं. महल के ही करीब एक सराय का भी निर्माण कराया गया था, जहां अनगिनत वेश्याओं ने बसेरा डाल लिया.
Mughal Dark Secrets: मुगल सल्तनत का जिक्र हो और अकबर का नाम न आए ऐसा नहीं हो सकता. हिंदुस्तान के तख्त पर राज करने के लिए अकबर ने जंग लड़ने के साथ-साथ शादी के जरिए भी रियासतों को अपने साम्राज्य में शामिल किया. एक बार मथुरा में शिकार करते वक्त उसको सूचना मिली कि दिल्ली में कुछ हिंसा हो गई है. वह सेना लेकर दिल्ली निकल पड़ा. रास्ते में वह आगरा भी रुका. यहां उसको ख्याल आया कि दिल्ली और आगरा के रईसों की बेटियों से निकाह के जरिए उनको अपने साथ शामिल किया जा सकता है. उस जमाने में राजनैतिक-कूटनीतिक संबंधों के लिए शादियां की जाती थीं.
शहर में मच गई हलचल
हिजड़ों को बादशाह ने इन रईसों की बेटियों को चुनने के लिए रवाना किया. जैसे ही यह खबर फैली, शहर में हलचल मच गई. लेकिन बादशाह के आगे किसी की क्या बिसात. इसी बीच अकबर की नजर पड़ी आगरा के सरदार शेख बादाह के बेटे अब्द-उल-वासी की बेहद खूबसूरत पत्नी पर. उसे देखते ही अकबर निकाह के लिए तड़प उठा. उसने शेख बादाह के पास यह प्रस्ताव भेजा. बाप-बेटों पर बादशाह का यह प्रस्ताव बिजली की तरह टूटा. लेकिन अब्द कर भी क्या सकता था. दिल पर पत्थर रखकर अब्द ने अपनी पत्नी को तलाक दिया और वह शहर छोड़कर बीदर में चला गया. उसकी निहायत खूबसूरत बेगम अब अकबर के हरम का हिस्सा बन गई.
मुगल बादशाहों की अय्याशियों की कहानियां सिर्फ इतनी ही नहीं हैं. अकबर को उसके सैन्य कौशल, नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक जज्बे के कारण महान राजाओं में शुमार किया जाता है. लेकिन इतिहास के कुछ पन्नों में उसकी अय्याशियों के किस्से भी छिपे हुए हैं.यह किस्सा अब्दुल कादिर बदायुनी की किताब मुन्तखाब-उत-तवारीख में दर्ज है. अब्दुल कादिर अकबर के जमाने के ही इतिहासकार थे. कादिर बदायुनी ने यह भी लिखा है कि अकबर की 300 पत्नियां और रखैलें थीं. जबकि हरम में 5 हजार औरतें थीं. करीब 35 पत्नियों का जिक्र तो जहांगीरनामा में मिलता है.
जब सराय में रहने लगीं वेश्याएं
अब फतेहपुर सीकरी को अकबर ने अपनी राजधानी बनाया तो वहां न सिर्फ एक नया शहर बसा बल्कि महलों का निर्माण हुआ. हरम को एक नया रंग-रूप दिया गया. आइन-ए-अकबरी ने अबुल फजल ने लिखा है कि 37 पत्नियों और 5 हजार औरतें इसमें रहा करती थीं. महल के ही करीब एक सराय का भी निर्माण कराया गया था, जहां अनगिनत वेश्याओं ने बसेरा डाल लिया. कहा जाता है कि अगर दरबार का कोई व्यक्ति किसी नई महिला को साथ ले जाना चाहता था, तो उसको बादशाह से इजाजत लेनी होती थी. लड़कियों को लेकर लोगों में झगड़ा भी होता था.
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